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मुंबई में वैक्सीन की कमी, सीनियर सिटीजन को भी लेना होगा ऑनलाइन अपॉइंटमेंट

महाराष्ट्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार शुरू में सीनियर सिटीजन को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य था, लेकिन सीनियर सिटीजन के लिए अपॉइंटमेंट अनिवार्य नहीं था.

Updated on: 09 May 2021, 05:39 PM

highlights

  • मुंबई के कई वैक्सीन सेंटर्स में अब वैक्सीन की कमी
  • वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट अनिवार्य
  • सीनीयर सिटिजन्स को भी इसमें शामिल, कई बुजुर्ग परेशान




मुंबई:

मुंबई के कई वैक्सीन सेंटर्स में अब वैक्सीन की कमी के चलते सीनियर सिटीजन को भी कोरोना वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट अनिवार्य हो गया है. कई बुजुर्ग परेशान हैं. महाराष्ट्र सरकार के दिशा निर्देशानुसार शुरू में सीनियर सिटीजन को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य था, लेकिन सीनियर सिटीजन के लिए अपॉइंटमेंट अनिवार्य नहीं था, लेकिन महाराष्ट्र में अब वैक्सीन की कमी के चलते 18-44 उम्र के लोगों के साथ अब 45+ उम्र के सीनियर सिटीझन्स को भी रेजिस्ट्रेशन के साथ वैक्सीन सेंटर अपॉइंट होने के बाद ही सेंटर पर आकर वैक्सीन मिलेगी. इस नये नियम के वजह से सीनियर सिटीझन्स वैक्सीनेशन सेंटर्स में घंटो रुकना पड रहा है. वही कई लोगों को वैक्सीन बिना लिए सेंटर्स से लौटना पड रहा है.

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लक्षद्वीप, हरियाणा और असम में सबसे अधिक हो रही है कोरोना वैक्सीन की बर्बादी

बता दें कि जहां एक तरफ महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी हो रही है, वहीं,  लक्षद्वीप, हरियाणा और असम ने रविवार को लगातार दूसरे दिन इस संकट के बीच कोरोना वैक्सीन का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाले शीर्ष-10 राज्यों में अपना स्थान बनाए रखा. देश में कोविड -19 वैक्सीन की बढ़ती मांगों के बीच, प्रमुख इंजेक्शन की बर्बादी सरकार के लिए चिंता का विषय रहा है, जो रविवार को सुबह 8 बजे तक लक्षद्वीप में सबसे अधिक 22.74 प्रतिशत बर्बादी की रिपोर्ट है. केंद्र शासित प्रदेश में कथित तौर पर शनिवार सुबह 8 बजे तक 22 प्रतिशत कोविड के टीके बर्बाद कर दिए.

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लक्षद्वीप के बाद, हरियाणा में 6.65 प्रतिशत कोविड टीकों की बर्बादी के साथ दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जिसके बाद असम (6.07 प्रतिशत) है. राजस्थान में कोविड के टीके का 5.50 प्रतिशत बर्बादी, पंजाब में 5.05 प्रतिशत और बिहार में कोविड के टीकों का 4.96 प्रतिशत बर्बादी दर्ज किया गया है. दादरा और नगर हवेली में (4.93), मेघालय (4.21 प्रतिशत), तमिलनाडु (3.94 प्रतिशत) और मणिपुर (3.56 प्रतिशत) कोविड टीका बर्बादी की सूचना दी.

प्रधानमंत्री ने खुद कोविड के टीके के बर्बादी के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोविड के टीके के बर्बादी के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया और तीन दिन पहले अपने ट्विटर के माध्यम से लोगों से अनुरोध किया कि कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए वैक्सीन की बर्बादी को कम करें. मोदी ने वैक्सीन के बर्बादी को कम करने के लिए केरल की प्रशंसा करते हुए कहा, हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों और नर्सों को टीके के बर्बादी को कम करने में एक उदाहरण के रूप में देखने के लिए अच्छा है.