आदित्य ठाकरे ने क्यों याद आया दिलवाले फिल्म का ये डॉयलॉग

महाराष्ट्र की सियासी जंग में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. शिवसेना में हुई बगावत के बाद एक तरफ शिवसैनिक रास्ते पर हैं तो दूसरी तरफ आदित्य ठाकरे मुंबई में शिवसेना के संगठन को मजबूत करने में जुट गए हैं. 

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Deepak Pandey
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शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे( Photo Credit : File Photo)

महाराष्ट्र की सियासी जंग में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. शिवसेना में हुई बगावत के बाद एक तरफ शिवसैनिक रास्ते पर हैं तो दूसरी तरफ आदित्य ठाकरे मुंबई में शिवसेना के संगठन को मजबूत करने में जुट गए हैं. युवा सेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को बागी शिंदे गुट पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने युवा सेना के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राक्षसी महत्वकांक्षा है ये सब... बगावत करने से पहले यहां आकर बात करनी थी. उनको कितने महत्वपूर्ण विभाग दिए, जो विभाग मुख्यमंत्री के पास रहते हैं उनको दिए.

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आदित्य ठाकरे ने कहा कि सूरत से गोवाहाटी गए और कहां जाएंगे पाकिस्तान क्या? क्या बोल रहे मैंने क्लिप देखी. इतना पैसा कहां से आया. 8 लाख बिल सिर्फ खाने का आया है. CRPF सिक्योरिटी क्यों दी? यही सिक्योरिटी कश्मीरी पंडितों को देते. बीजेपी का हाथ नहीं है तो फिर बीजेपी के मंत्री वहां क्यों गए? हिम्मत है तो मुंबई में क्यों बगावत नहीं की? मुंबई में क्यों सामने नहीं आए. युवा सेना के लोग यहां जुटे उनपर गर्व है. बागियों के साथ लड़ाई शुरू हुई.

उन्होंने आगे कहा कि आज भी मैं चैलेंज देता हूं. जो लोग गए उनमें कुछ हमारे साथ उनको कैद कर रखा है. प्रकाश सुर्वे, प्रकाश आबिटकर, दिलीप लांडे होंगे, इनके लिए क्या नहीं किया? यकीन नहीं होता कि ये लोग गए. इनको फंड दिया सब दिया. इनके पास दो ही पर्याय है यह तो बीजेपी या प्रहार में शामिल हो जाए. जो पैसे लेकर ये लोग गए हैं अब वो किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे? उनको मिले पैसे से कितने पैसे आम जनता तक पहुचाएंगे.

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आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीजेपी को देश को नहीं दुनिया को जवाब देना होगा कि किस तरह से वो लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि असली ताकत शिवसैनिक है, परसों तक जो मेरी गाड़ी में बैठे थे वो भी चले गए. यह जो परिस्थिति हमारे ऊपर आई है यह ऐसे समय में फायदा लिया गया है जब उद्धव ठाकरे बीमार हैं. अब खुद को अगर सच्चे शिवसैनिक कहते हैं तो सामने आई है और बोलिए हमारी क्या गलती हुई है. आज अगर बाला साहब ठाकरे या आनंद दिघे होते और उनके सामने उन्होंने यह किया होता तो वह उन्हें अपनी भाषा में समझाते.

उन्होंने कहा कि मुझे एक डायलॉग याद आ रहा है दिलवाले पिक्चर का... हम शरीफ क्या हुए और सारी दुनिया बदमाश हो गई. मैं तो रास्ते पर उतर ही रहा हूं, लेकिन आप भी घर-घर जाकर उनकी सच्चाई लोगों तक पहुंचाइये. आज हिम्मत से यह सारी नई पीढ़ी यहां आई है. मैं आप लोगों के साथ हूं. अगर बगावत करनी थी जितना प्यार और विश्वास आप लोगों पर किया था उतना किसी पर नहीं किया जो डिपार्टमेंट पिछले 50 सालों में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा वह डिपार्टमेंट इन्हें दिया गया, लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं की और बगावत जाकर सूरत में की.

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आदित्य ठाकरे ने कहा कि उस दिन बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे कि सुपर पावर क्या पाकिस्तान है? अगर इतनी हिम्मत होती तो मुंबई में रहकर आप बात करते. जिस राज्य में परिस्थिति विकट है उस राज्य में जाकर आप लोग मौज मस्ती कर रहे हो. मुझे आज भी यकीन नहीं हो रहा है कि प्रकाश सुर्वे जैसा आदमी जा सकता है. जिन-जिन लोगों को मैंने फंड दिया है, मैंने कोई उन पर उपकार नहीं किया. ऐसे लोगों के साथ हमें थोड़ा लड़ना पड़ेगा. पिछली बार के दो बगावत हमें याद आ रही है, उसमें से एक तो बाला साहब ठाकरे ने जगह पर ही खत्म कर दिया था और दूसरी बगावत हमें खत्म करने में एक से डेढ़ साल लगे.

उन्होंने आगे कहा कि जब मच्छर घर में आते हैं तब पता नहीं चलता कहां से आ रहे हैं, तब हम गुड नाइट लगाते हैं लेकिन अगर यह शेर होते तो भागते नहीं. मैं आज भी चैलेंज दे रहा हूं. मैं जानता हूं कि 15 से 16 लोग ऐसे हैं जो वहां तकलीफ में हैं, जिन्हें किडनैप किया गया है. कल का वीडियो हमने देखा कि दोनों नेताओं को गला पकड़कर घसीट कर ले जा रहे हैं. हर बाथरूम में पुलिस वाले और सीआरपीएफ वाले लगाए गए हैं. उन्हें लगा कि जैसे इज्जत हम यहां करते थे वैसे ही इज्जत उन्हें वहां मिलेगी, लेकिन जो लोग वहां गए वहां जाकर वह कैदी बन गए. मैं उन्हें चैलेंज देता हूं कि अगर हिम्मत है तो रिजाइन करें और चुनाव लड़कर दिखाएं. मैं उन्हें इस चैलेंज में हराए बिना नहीं शांत नहीं बैठूंगा.

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