बागियों की रक्षा के लिए केंद्र की सुरक्षा, एकनाथ शिंदे ने तोड़ा शिवसेना का गढ़

शिवसेना के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र से अब तक सेना के 39 विधायक शिंदे गुट में शामिल होने के लिए आसाम के गुवाहाटी में पहुंच चुके हैं.

शिवसेना के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र से अब तक सेना के 39 विधायक शिंदे गुट में शामिल होने के लिए आसाम के गुवाहाटी में पहुंच चुके हैं.

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Deepak Pandey
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सीएम उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे( Photo Credit : File Photo)

शिवसेना के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र से अब तक सेना के 39 विधायक शिंदे गुट में शामिल होने के लिए आसाम के गुवाहाटी में पहुंच चुके हैं. वहीं, अब इन बागी विधायकों के खिलाफ़ शिवसेना के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं. इसके बाद राज्य भर से तोड़फोड़ और प्रदर्शन की तस्वीर सामने आने लगी है. शिवसेना के कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र में अपने ही विधायकों के घर आफिस में तोड़फोड़ और प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से बागी हुए शिवसेना के 16 विधायकों के परिवार को Y Plus श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.

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संजय राउत की धमकियों से डरे बागी विधायक?

सेनाभवन में शनिवार को पार्टी ने अपने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद पार्टी नेताओं के साथ मौजूद थे. बैठक में पार्टी के सभी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे को बागियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया. इसके बाद से राज्य भर में बागियों के खिलाफ शिवसैनिकों का प्रदर्शन दिखाई दे रहा है. वहीं, रविवार के दिन शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को अपने ट्वीटर हैंडल से खुली धमकी दे डाली. संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा 'कब तक छीपोगे गोहाती में..
आना हि पडेगा.. चौपाटी में' 

इसके साथ ही राउत ने मीडिया के कैमरा पर बागी विधायकों को धमकी देते हुए कहा कि 'उन्हें कभी ना कभी मुंबई तो आना होगा, लाखों शिवसैनिक हमारे इशारे का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी भी हमने संयम रखा है'.

बागी विधायकों को परिवार की चिंता, महाराष्ट्र सरकार से मांगी थी सुरक्षा

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के 16 विधायकों के परिवारों को Y Plus दर्जे की सुरक्षा दी है. एकनाथ शिंदे गुट ने महाराष्ट्र सरकार से अपने परिवार के लिए सुरक्षा मांगी थी, लेकिन पुलिस सुरक्षा के बावजूद शिवसैनिकों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन और विधायकों के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले थम नहीं रहे हैं. लिहाजा अब केंद्र सरकार ने उन सभी 16 विधायकों के घर के बाहर CRPF के जवानों की तैनाती कर दी है, जिन विधायकों के खिलाफ अब तक शिवसैनिकों का गुस्सा फूटा है.

एकनाथ शिंदे ने कैसे तोड़ा शिवसेना का गढ़ ?

शिवसेना का गढ़ माना जाता है मुंबई का दादर इलाका, दादर में ही शिवसेना का पार्टी ऑफिस यानी कि 'सेना भवन' है. दादर के शिवाजी पार्क में ही स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे का स्मृति स्थल भी है. इसी शिवाजी पार्क में जब शिवसेना हर साल दशहरा रैली करती है तो लाखों की तादाद में शिवसैनिक उद्धव ठाकरे को सुनने आते हैं. शिवाजी पार्क के ठीक बगल में है शिवसेना के विधायक सदा सर्वांकर का घर, सदा सर्वांकर इसी इलाके के शिवसेना विधायक हैं जो आज गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में एकनाथ शिंदे के साथ मौजूद हैं. सदा सर्वांकर के दफ्तर पर भी शिवसैनिकों ने जमकर तोड़फोड़ की है, जिसके बाद उनके घर के बाहर भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी की  CRPF की एक टीम AK47 जैसे हथियारों से लैस तैनात है.

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