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रीवा के इस क्वारंटाइन सेंटर में मरीजों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था

कोविड केयर सेंटर में इलाज कराने वाले मरीजों को मनोरंजन के लिए कैरम, लूडो, शतरंज के अलावा कई तरह की किताबें मुहैया कराई गई हैं.

Updated on: 01 Sep 2020, 08:51 AM

रीवा:

कोरोना संक्रमण का भय लोगों में समाया हुआ है. मरीज के लिए इलाज के दौरान एकाकीपन कई बार निराशा और हताशा की वजह बन जाता है. मगर मध्यप्रदेश के रीवा जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों को कोविड सेंटर (Covid-19 Center) में खुश और प्रसन्न रखने के लिए कई नये- नये तरीके किए जा रहे हैं. ताकि उन्हें घर जैसा माहौल का एहसास कराया जा सके. साथ ही इस सेंटर को मनोरंजन, पुस्तकालय, योग केंद्र में बदल दिया गया है.

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रीवा में करीब 700 कोरोना संक्रमित
मध्य प्रदेश के रीवा में अब तक लगभग 700 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, इन मरीजों को इलाज के लिए चिरोहुला हनुमान मंदिर के पास बनाए गए कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है. यहां मरीज को कम से कम 14 दिन रहना होता है. 14 दिन काटना मरीज के लिए आसान नहीं होता. इसकी वजह है, क्योंकि मरीज के परिजन कोविड सेंटर के भीतर आकर मुलाकात नहीं कर सकते. इस स्थिति में मरीज के भीतर हताशा और निराशा का भाव विकसित होने की आशंका बनी रहती है.

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कोरोना मरीजों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था
कोरोना संक्रमण को लेकर सामने आ रहीं बातें मरीज को डरा देती हैं. मगर रीवा के इस कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) में ऐसा इंतजाम किया गया है कि यहां पहुंचकर मरीज अपने आपको अकेला महसूस न करे, उसे मनोरंजन की व्यवस्था के साथ पढ़ाई के लिए पुस्तकें उपलब्ध हों, साथ ही वह योग-व्यायाम आदि करता रहे. इसके लिए रीवा में नए-नए तरीके किए गए हैं. राज्य के आध्यात्मिक मंत्रालय के तहत बनाए गए आनंद विभाग के जिला स्रोत अधिकारी डॉ. मुकेश येंगल ने बताया कि कोरोना के मरीजों के लिए तय दिशा-निर्देश के पालन के साथ इलाज मुहैया कराया जा रहा है. साथ ही वह मानसिक तौर पर परेशान न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की कोर कमेटी ने इन मरीजों को मानसिक तनाव से दूर रखने के कई प्रयास किए हैं.

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वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाती है बातचीत
उन्होंने बताया कि यहां के कोविड केयर सेंटर में इलाज कराने वाले मरीजों को मनोरंजन के लिए कैरम, लूडो, शतरंज के अलावा कई तरह की किताबें मुहैया कराई गई हैं. इसके अलावा इन्हें योग, उत्साहित करने वाले उद्बोधन से जोड़ा जाता है. इतना ही नहीं, मरीजों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी किया जाता है. डॉ. येंगल का कहना है कि कोरोना मरीज प्रसन्न रहें, यह प्राथमिकता है. इलाज के मामले में भी यही कहा जा रहा है कि अगर मरीज प्रसन्न रहे तो जल्दी स्वस्थ होगा. इसी बात को ध्यान में रखकर यहां मरीजों के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. मरीजों से संवाद का लाभ भी मिल रहा है. जहां मरीज अपनी बात खुलकर कह रहा है, वहीं उसकी अपेक्षा के अनुरूप प्रयास भी किए जा रहे हैं.

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लाइब्रेरी और योग केंद्र की सुविधा
यहां इलाज कराने आए मरीजों का कहना है कि मनोरंजन के साधन के साथ उपलब्ध कराई गई किताबें उनके मन को बहलाए रखती है. वहीं योग आदि शारीरिक तौर पर फायदेमंद हैं. इतना ही नहीं, उत्साह बढ़ाने और क्षेत्रीय जानकारी देने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम उनका ज्ञानवर्धन करने में मददगार हो रहे हैं. कोविड सेंटर में साउंड सिस्टम भी लगाया गया है, जिसके जरिए मरीज अपने कमरे और बिस्तर पर रहते हुए ही सूचनाओं और ज्ञानवर्धन जानकारियों को हासिल कर लेता है, क्योंकि इस बीमारी के मरीज को कोविड सेंटर से बाहर निकलने की आजादी नहीं होती. कोविड सेंटर से लगभग पचास मीटर दूर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जहां हर वक्त चिकित्सक, पैरा-मेडिकल स्टाफ मौजूद रहते हैं और दवाएं उपलब्ध रहती हैं तो दूसरे कक्ष में साउंड सिस्टम का माइक और वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए स्क्रीन लगाई गई है.