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बड़ा सवाल : विकास दुबे की गिरफ्तारी या सरेंडर? कल रात अचानक महाकाल मंदिर क्यों पहुंचे थे उज्जैन के DM और SSP!

कानपुर हत्याकांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष लगातार यही सवाल पूछ रहा है कि यह गिरफ्तारी है या सरेंडर.

Updated on: 09 Jul 2020, 03:37 PM

उज्जैन:

कानपुर हत्याकांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष लगातार यही सवाल पूछ रहा है कि यह गिरफ्तारी है या सरेंडर. गिरफ्तारी या सरेंडर की गुत्थी अब सुलझने का नाम नहीं ले रही है. यह अब उलझती जा रही है. एक बड़े न्यूज वेबसाइट ने दावा किया है कि कल रात साढ़े दस बजे के आसपास उज्जैन के डीएम आशीष सिंह और एसएसपी मनोज कुमार भारी हड़बड़ाहट में उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे थे. सवाल अब यहीं से उठ रहा है कि क्या इसका विकास दुबे की गिरफ्तारी से कोई संबंध है? वहीं दूसरी तरफ उज्जैन पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें एक स्थानीय नागरिक है. सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो वकीलों से मुलाकात की थी और इन्हीं ने विकास दुबे को उज्जैन पहुंचाने में मदद की थी. इन्हीं दोनों वकीलों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

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एसएसपी बोले- विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई है

एक बड़े न्यूज वेबसाइट के मुताबिक उज्जैन के डीएम आशीष सिंह ने बताया कि विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है. मंदिर के दुकानदार ने विकास की पहचान की और इसके बाद गार्ड ने भी उसकी शिनाख्त की, फिर उसे पकड़ लिया. लेकिन वेबसाइट को जो जानकारी मिली वो एसएसपी के दावे से उल्टा है. उसके अनुसार विकास दुबे सुबह महाकाल मंदिर पहुंचा. उसने पर्ची कटाई और दर्शन किया. फिर उसने गार्ड से कहा कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला. गार्ड ने पुलिस को सूचना दी. तब तक विकास दुबे वही मौजूद रहा. पुलिस आई और विकास दुबे को गिरफ्तार करके ले गई. विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह, पीसी शर्मा, अखिलेश यादव समेत कई लोग सवाल उठा रहे हैं. सब यही पूछ रहे हैं कि ये गिरफ्तारी है या सरेंडर.

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गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जांच की मांग

दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस कुख्यात गैंगस्टर के किस किस नेता और पुलिसकर्मियों से सम्पर्क है, इसकी जांच होनी चाहिए. विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज़ सामने आ सकें. वहीं इससे पहले प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कानपुर हत्याकांड मामले में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई. अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है, बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है.

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मोबाइल की CDR सार्वजनिक करें 

तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए. अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कानपुर कांड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करें जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.