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विकास दुबे को मध्य प्रदेश में भाजपा नेताओं ने दिया संरक्षण, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा का बड़ा आरोप

कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. इसको लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्ष सवाल उठा रहा है. प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, दिग्विजय सिंह के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बीजेपी सरकार पर गंभी

Updated on: 09 Jul 2020, 03:58 PM

लखनऊ:

कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. इसको लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्ष सवाल उठा रहा है. प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, दिग्विजय सिंह के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने शिवराज सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विकास दुबे को मध्य प्रदेश में भाजपा नेताओ ने संरक्षण दिया है. ये सब सुनियोजित नजर आता है. कैसे गिरफ़्तारी हुई? कैसे सरेंडर हुआ? मैं इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करता हूं. सीबीआई जांच में स्पष्ट होगा, इसमें कौन दुबे शामिल है? और कौन मिश्रा शामिल है?

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प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से विकास दुबे की गिरफ़्तारी या सरेंडर की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस कुख्यात गैंगस्टर के किस किस नेता और पुलिसकर्मियों से सम्पर्क है, इसकी जांच होनी चाहिए. विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखते हुए इसकी पुख़्ता सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि सारे राज़ सामने आ सकें. वहीं इससे पहले इस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कानपुर हत्याकांड मामले में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई.

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अखिलेश यादव ने भी जांच की मांग की

अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है, बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है. तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं. यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए. वहीं अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कानपुर कांड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करें जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.