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नक्सली कमांडर अमन गंझू ने किया सरेंडर, 15 लाख का था इनाम

अमन गंझू 2004 से सक्रिय था. गंझू ने संगठन के विस्तार, योजना और क्रियान्वयन में अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी.

Updated on: 28 Dec 2022, 08:50 PM

highlights

  • 2004 से सक्रिय था अमन गंझू
  • गढ़वा में 10, लातेहार में 7 मामले थे दर्ज
  • अमन गंझू पर था 15 लाख का इनाम
  • CRPF-झारखंड पुलिस के समक्ष किया सरेंडर

Ranchi:

कभी बूढ़ा बहाड़ पर दहशत का पर्याय रहे माओवादी कमांडर अमन गंझू ने सीआरपीएफ के सामने सरेंडर कर दिया. बता दें कि सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करा लिया है. जो बचे हुए नक्सली हैं वो या तो भाग निकलने का रास्ता देख रहे हैं या फिर सरेंडर कर रहे हैं. इसी क्रम में 15 लाख के भाकपा (माओवादी) के  क्षेत्रीय कमांडर अमन गंझू ने भी  बुधवार को पुलिस और CRPF के सामने सरेंडर कर दिया. अमन गंझू 2004 से सक्रिय था. गंझू ने संगठन के विस्तार, योजना और क्रियान्वयन में अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी.

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बता दें कि, सितंबर माह में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' के तहत बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से खाली करा लिया था. अमन गंझू काफी समय से भागा-भागा फिर रहा था. बूढ़ा पहाड़ को खाली कराने के बाद बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर झालूडेरा, लातेहार जिला में तीसिया और नवाटोली के अलावा झारखंड की सीमा से जुड़े छत्तीसघड़ और बलरामपुर जनपद के पुनदाग में सुरक्षाबलों द्वारा कैंप बनाया गया है. सुरक्षाबलों की लगातार गश्ती और कैंप बने होने की वजह से नक्सली फिर से सक्रिय नहीं हो पा रहे हैं और ये ही एक बड़ा कारण है कि जो नक्सली बचे हुए हैं या तो वो भागने की फिराक में हैं या फिर सरेंडर कर रहे हैं.

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17 मामले, 15 लाख का इनाम

मूलरूप से बिहार को औरंगाबाद जिले के ढिबरा थाने इलाके के झरना गांव का रहने वाला अमन गंझू उर्फ प्रमुख सिंह भोक्ता उर्फ काजू जी उर्फ काजू भोक्ता के ऊपर गढ़वा में 10 और लातेहार में 7 मामले दर्ज हैं. अमन गंझू ने रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज के कार्यालय में CRPF और झारखंड पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. इस दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के अधिकारियों द्वारा समाज की मुख्य धारा में लौटने के लिए अमन गंझू को पुष्प गुच्छ देकर और शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया गया.