वक्फ बोर्ड के फैसले पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती तो BJP ने किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर में अब जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की जियारत और दूसरे संस्थानों में दस्तार बंदी नहीं की जाएगी. जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड ने दस्तार बंदी के बहाने जियारत के बेवजह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल को देखते हुए इस बाबत आदेश जारी किया है.
जम्मू:
जम्मू-कश्मीर में अब जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की जियारत और दूसरे संस्थानों में दस्तार बंदी नहीं की जाएगी. जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड ने दस्तार बंदी के बहाने जियारत के बेवजह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल को देखते हुए इस बाबत आदेश जारी किया है. खास तौर पर राजनीतिक दलों को जियारतों में आमंत्रण देने और उसके बहाने उनकी प्रचार में मदद करने को लेकर ये फैसला लिया गया है. दरअसल, जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड को पिछले काफी लंबे समय से ये शिकायतें मिल रही थीं कि उनके ज्यादातर इदारों में राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता अपने प्रचार करने के लिए एवं लोगों को प्रभावित करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी को एक और मामले में 7 साल की सजा और 25 हजार पर जुर्माना
इसके साथ ही इन इदारों में काम करने वाले कई लोग भी सियासी जमातों से जुड़े होने के कारण इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. इन्हीं सभी शिकायतों के मद्देनजर वक्फ बोर्ड द्वारा आदेश जारी किया गया है और कहा गया है कि इस तरह के किसी भी कार्यक्रम को करने से पहले अब वक्फ बोर्ड से इजाजत लेनी जरूरी होगी.
इससे पहले भी जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड कई बड़े फैसले ले चुका है. खास तौर पर जियारतों में जबरदस्ती ली जाने वाली डोनेशन पर पहले ही रोक लगा दी गई है. वक्फ की प्रॉपर्टी पर जो अवैध कब्जे हैं उन्हें भी छुड़ाया जा रहा है. जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड प्रदेश में सबसे अमीर संस्थानों में से एक है, जिनके पास करोड़ों की प्रॉपर्टी के साथ कई रिलीजियस इदारे इनके अंदर आते हैं.
वहीं, इस मामले को लेकर पीडीपी प्रेसिडेंट महबूबा मुफ्ती आग बबूला हो गई है. महबूबा मुफ्ती ने बयान जारी कर कहा है कि ये एक एजेंडे के तहत किया जा रहा है, ताकि इस्लामिक सफिज्म को खत्म किया जा सके. दुनिया भर में दस्तर बंदी श्राइन में की जाती है, लेकिन जम्मू कश्मीर में इसे साजिश के तहत रोका जा रहा है.
यह भी पढ़ें : हिजाब मामले पर SC में बोले SG- ...तो कोई गमछा लगाकर आएगा
दूसरी तरफ नेशनल कांफ्रेंस भी वक्फ बोर्ड के इस फैसले को सही नहीं मानती है. नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता शेख बशीर का कहना है कि इस तरह के मुद्दे संवेदनशील होते हैं. ऐसे में इस तरह के फैसले लेने से सरकार को बचना चाहिए.
उधर, बीजेपी ने वक्फ के इस फैसले का स्वागत किया है. बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रिया सेठी ने कहा कि वक्फ द्वारा यह फैसला शिकायतें मिलने के बाद लिया गया है. ऐसे में किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. महबूबा मुफ्ती जैसे नेता जो इस मामले को धर्म के साथ जोड़ रहे हैं वो अपना राजनीतिक अस्तित्व खो चुके हैं और इस तरह के मुद्दे उठाकर खुद को जिंदा रखना चाहते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 26 April 2024: क्या है 26 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर