Gujarat News: गुजरात की एक कोर्ट ने सोमवार को रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर कुलदीप शर्मा पर बड़ा एक्शन लिया है. 1984 असॉल्ट केस में कोर्ट ने 41 साल बाद कुलदीप शर्मा को सजा सुनाई है. भुज सेशंस कोर्ट ने उनको तीन महीने जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कुलदीप शर्मा के साथ गिरीश वासवदा को भी दोषी ठहराया और उसे भी तीन महीने की सजा सुनाई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है.
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1984 assault case: ये है मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा मामला 1984 का है. तब कुलदीप शर्मा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हुआ करते थे. 6 मई 1984 को कांग्रेस नेता अब्दुल हाजी इब्राहिम कच्छ के नलिया में एक मामले में सिलसिले में तत्कालीन डीपीजी कुलदीप शर्मा से मिलने के लिए गए थे. मीटिंग के दौरान दोनों के बीच कथित तौर पर तीखी बहस हुई और फिर विवाद ने गंभीर रूप ले लिया.
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कांग्रेस से मारपीट का है आरोप
कांग्रेस नेता इब्राहिम से बहस के दौरान पूर्व डीजीपी कुलदीप शर्मा आपा खो गए. कथित तौर पर उन्होंने कांग्रेस नेता अब्दुल हाजी इब्राहिम के साथ मारपीट की. इस दौरान उनके सहयोगी गिरीश वासवदा समेत अन्य लोगों ने पूर्व डीजीपी कुलदीप शर्मा का साथ दिया और अब्दुल हाजी इब्राहिम के साथ मारपीट की. इसी मामले में भुज सत्र न्यायालय ने घटना के 41 साल बाद पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कुलदीप शर्मा और गिरीश वासवदा को दोषी ठहराया है और दोनों तीन-तीन महीने जेल की सजा सुनाई है.
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