Delhi News: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ किया है. मामले में 3 आरोपियों की अरेस्ट किया गया है. ये तीन फर्जी पुलिस ऑफिसर बनकर हनी ट्रैप के जरिए से फंसाए गए लोगों से मोटी रकम ऐंठते थे. रोहिणी जिले की स्पेशल स्टाफ पुलिस टीम ने सीक्रेट इनपुट के आधार पर आरोपियों को अरेस्ट किया. पुलिस ने इस हनी ट्रैप रैकेट की मॉडस ऑपरेंडी का भी खुलासा किया है.
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कैसे अरेस्ट हुए आरोपी
एडिशनल डीसीपी विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान नीरज, आशीष और योगेश के रूप में सामने आई है. नीरज बहादुर गढ़ का रहने वाला है. जांच में पता चला कि तीनों आरोपी पहले से ही क्रिमिनल हैं और हनी ट्रैप समेत कई अपराधों पर लिप्त हैं. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपियों की मूवमेंट को लेकर गुप्त सूचना थी. इसके बाद विजय विहार शमशान घाट रोड पर जाल बिछाया गया.
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बरामद हुई ये चीजें
तभी स्कूटी पर सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर ये लोगों वहां से गुजरे. पुलिस टीम ने इनको रोका और पूछा कि कौन सी पुलिस में कार्यरत हैं, लेकिन ये लोग ठीक से कोई जवाब नहीं दे पाए. आगे की जांच में खुलासा हुआ कि ये तीनों अपराधी हैं और हनी ट्रैप क्राइम में शामिल हैं. पुलिस को आरोपियों के पास से दो स्कूटी, तीन मोबाइल, फर्जी सब इंस्पेक्टर की वर्दी, दिल्ली पुलिस फेक आईडी कार्ड बरामद हुए हैं.
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ये थी मोडस ऑपरेंडी
एडिशनल डीसीपी विष्णु कुमार शर्मा ने पकड़े गए हनी ट्रैप रैकेट की मॉडस ऑपरेंडी की खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि तीनों आरोपी सोशल मीडिया के जरिए 50 से 55 उम्र के ऐसे लोगों को टारगेट पर लेते थे, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक होती थी. फेसबुक या इंस्ट्राग्राम के जरिए मैसेज कर टारगेट से संपर्क किया जाता था और फिर उनके साथ फिजिकली मीटिंग कर हनी ट्रैप में फंसा लिया जाता था. इसके बाद ये पुलिसवालों की टीम बनकर टारगेट पर छापा मारते और फिर उससे पैसा ऐंठते थे.
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