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aap leader atishi
दिल्ली विधानसभा सचिवालय की ओर से गुरुवार को विपक्ष की नेता आतिशी को एक शिकायत पत्र भेजा गया. इसमें उनके और उनके साथियों (कुलदीप कुमार, वीर सिंह ढींगान और जुबैर अहमद) पर विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के आरोप लगाए गए हैं.
क्या है पूरा मामला
• 21 मई 2025 को दिल्ली विधानसभा की “जनरल पर्पस कमेटी” की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वीर सावरकर, मदन मोहन मालवीय और महर्षि दयानंद सरस्वती के चित्र विधानसभा में लगाए जाएंगे.
• बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाने का सुझाव दिया, जिसे अध्यक्ष ने नोट करने को कहा.
• बैठक के बाद AAP विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि भाजपा ने सावित्रीबाई फुले के चित्र लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया.
• इन दावों में भाजपा को दलित-विरोधी, महिला-विरोधी और शिक्षा-विरोधी बताया गया.
आरोप:
• भाजपा विधायकों का कहना है कि यह दावा झूठा और भ्रामक है. सावित्रीबाई फुले के चित्र का कोई औपचारिक प्रस्ताव बैठक में नहीं रखा गया था, केवल एक अनौपचारिक सुझाव था जिसे नोट किया गया.
• AAP विधायकों ने समिति की गोपनीय कार्यवाही को सार्वजनिक कर दिया, जो कि नियमों के विरुद्ध है.
• उन्होंने जानबूझकर राजनीतिक लाभ के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया.
चार विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन
भाजपा के विधायकों (मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा, राज कुमार भाटिया, और तिलक राम गुप्ता) ने इन चार विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है. विधानसभा के मुख्य सचेतक और शिकायतकर्ता अभय वर्मा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा नियम से चलेगी. आतिशी की ओर से भ्रामक खबर करना गलत है. इसको लेकर अब स्पीकर की ओर से अवमानना नोटिस जारी किया गया है और उनसे जवाब मांगा गया हैं.
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