Indus Water Treaty: वाटर बम के बाद घुटने पर आया पाकिस्तान, पाक सांसद ने दिया चौंकाने वाला बयान, सामने आया वीडियो

Indus Water Treaty: ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ने का इंतजाम कर दिया था. सिंधु जल समझौते को तोड़कर पाकिस्तान को याद दिला दिया गया था कि आतंकवाद का सरपरस्त बनकर उसने बड़ी गलती कर ली है.

Indus Water Treaty: ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ने का इंतजाम कर दिया था. सिंधु जल समझौते को तोड़कर पाकिस्तान को याद दिला दिया गया था कि आतंकवाद का सरपरस्त बनकर उसने बड़ी गलती कर ली है.

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Dheeraj Sharma
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Indus Water Treaty: ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ने का इंतजाम कर दिया था. सिंधु जल समझौते को तोड़कर पाकिस्तान को याद दिला दिया गया था कि आतंकवाद का सरपरस्त बनकर उसने बड़ी गलती कर ली है. भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई निर्णायक कदम उठाए हैं, जिनमें सबसे बड़ा कदम है सिंधु जल संधि को स्थगित करना। यह संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, जिसके तहत भारत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के अधिकांश जल का उपयोग पाकिस्तान को करने देता है। लेकिन अब, आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, सिंधु जल संधि पर रोक जारी रहेगी।

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पाकिस्तान में मचा हाहाकार, संसद में 'वॉटर बम' की चेतावनी

भारत के इस कदम से पाकिस्तान में भारी चिंता की लहर दौड़ गई है। पाकिस्तानी संसद में इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। सांसद सैयद अली जफर ने खुले तौर पर कहा कि अगर यह जल संकट जल्द हल नहीं किया गया तो पाकिस्तान को भूख और सूखे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हमारे 90% पावर प्रोजेक्ट्स, खेती और पीने का पानी सिंधु जल पर आधारित है। अगर भारत इसे रोक देता है, तो यह हमारे लिए 'वॉटर बम' है जिसे डिफ्यूज करना बेहद जरूरी है।”

सिंधु बेसिन को पाकिस्तान की "जीवन रेखा" कहा जाता है, और जफर के बयान ने इस आशंका को और मजबूत कर दिया है कि भारत की सख्ती से पाकिस्तान में भयंकर जल संकट पैदा हो सकता है।

गुहार लगा रहा है पाकिस्तान, भारत का जवाब साफ

पाकिस्तान ने जल संधि पर लगी रोक हटाने के लिए भारत से बार-बार अपील की है। पाक के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत की जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि जल संधि को बहाल किया जाए। लेकिन भारत का रुख साफ है — जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, तब तक कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी।

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