जिस लापता बेटे का सालों से श्राद्ध कर रहा था परिवार, वह मिला क्वॉरेंटाइन सेंटर में

कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है और इस दौर में कई अलग-अलग किस्से देखने को मिल रहे हैं. बिहार के लखीसराय में लॉकडाउन की वजह से एक परिवार को उसका बेटा वापस मिल गया है.

कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है और इस दौर में कई अलग-अलग किस्से देखने को मिल रहे हैं. बिहार के लखीसराय में लॉकडाउन की वजह से एक परिवार को उसका बेटा वापस मिल गया है.

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Dalchand Kumar
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जिस लापता बेटे का कर रहे थे श्राद्ध, वह मिला क्वॉरेंटाइन सेंटर में( Photo Credit : फाइल फोटो)

घातक कोरोना वायरस (Corona Virus) को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है और इस दौर में कई अलग-अलग किस्से देखने को मिल रहे हैं. बिहार (Bihar) के लखीसराय में लॉकडाउन की वजह से एक परिवार को उसका बेटा वापस मिल गया है. 20 साल पहले घर से भाग गया युवक गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर में मिला. हैरान करने वाली बात यह है कि युवक को उसके माता-पिता मृत समझ कर श्राद्ध सालों तक श्राद्ध करते रहे और अब उसे क्वारेंटाइन में देखकर परिजन आश्चर्यचकित हैं. इन लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है.

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दरअसल, जिले के बड़हिया प्रखंड अंतर्गत खुटहा डीह गांव में मिश्री सिंह का पुत्र रामाकांत सिंह साल 1999 में यानी लगभग बीस वर्ष की उम्र में घर से भाग गया था. उस पर चोरी करने का आरोप लगा था और उसी के डर से वह गांव छोड़कर चला गया और लौटकर नहीं आया. मां-बाप ने 12 वर्ष तक आने का इंतजार किया और काफी खोजबीन भी की, जब कोई अता-पता नहीं चला तो निराश होकर और उसे मृत समझ लिया. काफी समय बाद वह लौटकर आया तो उसे गांव वाला नहीं पहचान सका और ना ही वह अपना घर पहचान सका. रामाकांत सिंह निराश होकर फिर दिल्ली लौट गया.

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अब लॉकडाउन में रोजी रोटी के लाले पड़ गए तो वह कोरोना संक्रमण में फंसे श्रमिकों के साथ अपने जिले लौट आया. बाद में अन्य प्रवासियों के साथ उसे भी अपने प्रखंड में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया. ग्रामीण सूत्रों ने बताया युवा अवस्था में रामाकांत सिंह की मां बाप ने काफी खोजबीन की, लेकिन कोई अता-पता नहीं चला तो मृत समझकर बारह वर्ष के बाद उसका श्राद्ध करने लगे. रामाकांत सिंह के भाई रामचंद्र सिंह ने बताया कि अता-पता नहीं चलने पर हम लोग उसे मृत समझ रहे थे, लेकिन आज मिलने पर खुशी है.

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वहीं रमाकांत ने बताया कि वह दिल्ली में ई रिक्शा चलाकर जीवन यापन कर रहा था. लेकिन लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने के कारण लौटने को मजबूर हो गया. उसने बताया कि वह 16 दिन पैदल चलकर अपने गांव पहुंचा. इस दौरान बीच रास्ते में अलीगढ़ के पास उसका मोबाइल और पैसे चोरी भी हो गए. वह किसी तरह भूखा-प्यासा अपने गांव लौटा.

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Bihar corona-virus lockdown Lakhisarai
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