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सुशील मोदी ने दी नीतीश को सलाह, 'कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ केंद्र पर निर्भर न रहें'

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने की शुरूआत होने से 11 करोड़ की आबादी वाले बिहार को वैक्सीन की लाखों वायल की जरूरत पड़ेगी.

Updated on: 12 May 2021, 10:22 PM

highlights

  • सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह
  • 'कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ केंद्र पर निर्भर न रहें'
  • राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करना चाहिए
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पटना :

पिछले साल तक बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल रहे भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 18 से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाने की शुरूआत होने से 11 करोड़ की आबादी वाले बिहार को वैक्सीन की लाखों वायल की जरूरत पड़ेगी.

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ऐसे में केवल केंद्र सरकार और स्वदेशी टीके पर निर्भर रहने की बजाय राज्य सरकार को दुनिया के किसी भी देश से कोरोना टीका प्राप्त करने के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने पर विचार करना चाहिए. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, आंध्र प्रदेश, उडीसा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के सीधे आयात की संभावना पर विचार के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई है. आंध्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ग्लोबल टेंडर निकालने के मुद्दे पर अनुरोध किया है. बिहार सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए, जिससे वैक्सीन की उपलब्धता में कोई कठिनाई न हो.

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भाजपा नेता ने आगे कहा कि बिहार सरकार कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण के लिए 4,165 करोड़ रुपये खर्च करने की सैद्धांतिक सहमति दे चुकी है. इसमें से 1000 करोड़ तत्काल आवंटित भी हो चुके हैं.

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ऐसे में धन की कोई कमी नहीं, लेकिन स्वदेशी दवा कंपनियां रातोंरात उत्पादन बढ़ा कर वैक्सीन की सभी राज्यों की जरूरत समय पर पूरा नहीं कर सकतीं, इसलिए ग्लोबल टेंडर का विकल्प अपनाया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव प्रचार में भाजपा ने लोगों से मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया है.