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लालू यादव को जन्मदिन पर विरोधियों का 'तोहफा', पोस्टर्स लगाकर किया लालू परिवार की 73 संपत्तियों को उजागर

राजद ने पार्टी प्रमुख के जन्मदिन को गरीब सम्मान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है तो उधर सियासी माहौल के बीच लालू यादव के जन्मदिन पर विरोधियों ने उनके खिलाफ नया पोस्टर लगाया है.

Updated on: 11 Jun 2020, 08:35 AM

पटना:

बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. राजद ने पार्टी प्रमुख के जन्मदिन को गरीब सम्मान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है तो उधर सियासी माहौल के बीच लालू यादव के जन्मदिन पर विरोधियों ने उनके खिलाफ नया पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर में लालू यादव और उनके परिवार की लोगों की संपत्ति का खुलासा किया गया है. पोस्टर में लालू यादव (Lalu Yadav) के 73 वें जन्मदिन पर उनकी 73 संपत्तियों की लिस्ट दिखाई गई है.

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राजधानी पटना की सड़कों पर कई जगह यह पोस्टर लगाए गए हैं. कहा जा रहा है कि यह पोस्टर सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा लगाया गया है. हालांकि इन पोस्टर में जारी करने वालों का कोई उल्लेख नहीं है. पोस्टर का शीर्षक 'लालू परिवार का संपत्तिनामा' दिया गया है. पोस्टर में लालू के अलावा राबड़ी देवी तेजस्वी यादव तेज प्रताप यादव और निशा भारती को दिखाया गया है. साथ ही पोस्टर का कैप्शन संपत्ति, विरासत और धाक दिया गया है.

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बुधवार को भी पूर्व की राजद सरकार के खिलाफ पटना में पोस्टर लगाए गए थे. पोस्टर में राजद की सरकार को 'पति-पत्नी की सरकार' बताते हुए निशाना साधा गया. राजद के खिलाफ लगे पोस्टर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के अलावे पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और राजवल्लभ यादव की तस्वीरें लगाई गई. पोस्टर में राजद सरकार में हुई घटनाओं को दर्शाने की कोशिश की गई. पोस्टर में लिखा, 'सौदागरों को लज्जा भी भला क्यों, उनके लिए व्यापार थी सरकार.' पोस्टर में आगे लिखा गया, 'जनता कहे पुकार के, जब भी जी करता था, कुछ करूं, क्या करता? डर लगता था. कैसे उतारूं 'सुख' की ये गठरी, कहां धरूं डर लगता था.' पोस्टर के सबसे नीचे लिखा गया, 'व्यवस्था खराब नहीं थी, बल्कि व्यवस्था ही नहीं थी.'

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गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के बाद नेताओं के बीच आरोप -प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं एक-दूसरे पर सियासी हमला करने के लिए पोस्टर का भी सहारा लिया जा रहा है. बिहार में इस साल के प्रारंभ से ही पोस्टर पॉलिटिक्स प्रारंभ है, जिसकी रफ्तार पिछले दिनों धीमी पड़ गई थी. मगर एक बार फिर बिहार में पोस्टर वार तेज हो गया है.