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SIR bihar Photograph: (Social)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान किशनगंज के ईरानी मूल के परिवारों को नोटिस जारी कर नागरिकता साबित करने को कहा गया है. यहां दो पीढ़ियों से बसे ये परिवार अब खुद को लगातार सवालों के घेरे में पाकर आहत हैं.
करीब 40 साल पहले आ गए थे बिहार
करीब 40 साल पहले ईरान से आकर बसे इन परिवारों ने यहां कारोबार खड़ा किया, बच्चे पाले-पोसे और चुनावों में वोट भी दिया. उनकी मातृभाषा भले फारसी हो, लेकिन वे खुद को भारतीय मानते हैं. अब तक लगभग 28-30 लोगों को दस्तावेज जमा करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं.
कागजात देने के बावजूद भेजा नोटिस
ताहिर अली ने मीडिया को बताया कि उनकी पूरी फैमिली ने कागजात पहले ही दिए थे, फिर भी उन्हें और उनके चार परिजनों को नोटिस थमा दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया और कहा 'हम कहां जाएंगे? हमारे दादा-परदादा भी वोटर लिस्ट में थे.' वहीं 20 वर्षीय शाहिना परवीन, जो बी.एड करना चाहती हैं, कहती हैं कि उनके पिता का नाम वोटर लिस्ट से गायब होने से कई दिक्कतें हो रही हैं.
दस्तावेज देने के बाद भी काटा नाम
कमर अब्बास नामक युवती ने नाराजगी जताई कि 2003 में उनका नाम वोटर लिस्ट में था, लेकिन बार-बार हटाया और फिर से जोड़ा गया. 'हर बार दस्तावेज देने के बाद भी नाम काट दिया जाता है और कहा जाता है ऊपर से आदेश आया है.'
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कोई बता रहा जमीन हड़पने की साजिश
वार्ड नंबर 7 के हैदर अली ने इसे जमीन हड़पने की साजिश बताया. उनके अनुसार 2005 से लगातार गुमनाम आपत्तियां दाखिल की जाती हैं और परिवारों को नोटिस भेजा जाता है. वे कहते हैं 'मेरे पास सारे दस्तावेज हैं, फिर भी वोटर आईडी न होने से दूसरे राज्यों में होटल तक नहीं मिल पाता.'
मामले पर क्या बोले भाजपा नेता
इस मामले को लेकर बीजेपी नेता सुषांत गोप ने मीडिया से कहा कि ईरानी समुदाय लगभग 40 साल से किशनगंज में रह रहा है. 28 लोगों को नोटिस दिया गया है ताकि वे कागजात जमा करें, फिलहाल नाम मतदाता सूची से हटाए नहीं गए हैं.
RJD पूर्व विधायक ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं आरजेडी के पूर्व विधायक मोहजाहिद आलम ने मीडिया से कहा कि नोटिस पाने वालों को सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के नियमों के तहत दस्तावेज़ जमा कर देने चाहिए. ईरानी बस्ती के लोगों का कहना है कि वे पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं, लेकिन बार-बार की यह प्रक्रिया उन्हें अपमानजनक और असुरक्षित महसूस कराती है.
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