नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर कार्रवाई कर सकती है जेडीयू
सूत्रों का कहना है कि जदयू जल्द ही प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को उनके बयानों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करेगी.
पटना:
नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के मामले में जदयू की चेतावनी के बाद भी पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अपने रुख से पीछे नहीं हटे हैं. ऐसे में जदयू प्रशांत किशोर पर कार्रवाई कर सकती है. पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा से भी पार्टी नाराज है. पवन वर्मा ने भी नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर पार्टी की लाइन के खिलाफ जाकर बयान दिए. सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को उनके बयान के लिए जदयू जल्द ही कारण बताओ नोटिस जारी करेगी. सूत्रों बताते हैं कि इन दोनों नेताओं के खिलाफ पार्टी की ओर से एक्शन लिया जाएगा.
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सूत्रों का यह भी दावा है कि किशोर अपने रुख से पीछे नहीं हटने का मन बना चुके हैं. ऐसे में किशोर का बागी तेवर आगे भी देखने को मिल सकता है. उन्होंने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन ट्वीट कर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अपनी पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए गुरुवार को एक बार फिर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन विधेयक किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए है. लेकिन सच्चाई यह है कि एनआरसी और यह विधेयक सरकार के हाथ में एक ऐसा घातक जोड़ हो सकता है, जिसके जरिए धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.'
इससे पहले बुधवार को किशोर ने नीतीश सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा था, 'नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने से पहले जदयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उन पर भरोसा और विश्वास जताया था. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2015 की जीत के लिए पार्टी और इसके प्रबंधकों के पास जीत के बहुत रास्ते नहीं बचे थे.' इसके अलावा पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी भी इस मामले में अपना विरोध जता चुके हैं.
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले जदयू ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, परंतु किशोर और पवन ने उन सलाहों को नजरअंदाज करते हुए जिस तरह से पार्टी की लाइन के खिलाफ बयान दिए, उससे पार्टी आलाकमान में नाराजगी है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी निर्णय पर सहमत नहीं होने पर अपने विचार पार्टी फोरम में रखना चाहिए. उन्होंने किसी को भी ऐसे सार्वजनिक बयानों से बचने की सलाह देते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से पार्टी के रुख के खिलाफ नहीं जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि सीएबी का लोकसभा और राज्यसभा में जदयू ने समर्थन किया है.
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