पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह पर आज हमला हुआ. हमले के बाद अनंत सिंह सामने आए और पूरी कहानी बताई. अनंत सिंह ने कहा,"सुबह कुछ व्यक्ति उनसे मिलने आए थे और मदद की गुहार लगाई थी. वहीं दोनों व्यक्ति ने कहा कि सोनू और मोनू नाम के दो व्यक्ति है, इन्होंने मेरे घर पर ताला लगा दिया और जबरदस्ती रंगदारी मांगने लगे. उसके बाद देर शाम मैं उसके घर का ताला खुलवाने गए. ताला खुलवाने के बाद जब सोनू और मोनू से मिलने जा रहे थे तभी उनके कुछ लोगों पर सोनू और मोनू ने गोली चला दी."
गोली की आवाज सुनते ही अनंत सिंह के समर्थक दोनों को बचाने के लिए गए और अनंत सिंह के समर्थकों ने भी गोलियां चलाईं. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में अनंत सिंह को न गोली लगी, न ही वह जख्मी हुए. अनंत सिंह रोड पर खड़े होकर सभी चीजों को देख रहे थे, उस वक्त ये घटना हुई.
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सोनू-मोनू गैंग के बीच जबरदस्त गोलीबारी
बता दें कि बिहार के मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में बुधवार को पूर्व विधायक अनंत सिंह और कुख्यात अपराधी सोनू-मोनू गैंग के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई. करीब 60-70 राउंड फायरिंग की गई. इस घटनाक्रम के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और फायरिंग करने वालों की पहचान की जा रही है.
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ऐसी है बाहुबली अनंत सिंह की राजनीतिक यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव 2005 में जेडीयू के टिकट पर मोकामा से पहली बार विधायक बनकर अनंत सिंह ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी. इसके बाद 2010 में भी वह जेडीयू के टिकट पर मोकामा से फिर से जीत दर्ज करने में सफल रहे. उनके और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच अच्छे रिश्ते भी रहे. लेकिन 2015 में अचानक दोनों के रिश्ते बिगड़ गए और अनंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.2015 के चुनाव में अनंत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसके बाद 2020 में भी उन्होंने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा, जबकि वह जेल में बंद थे. फिर भी जीत दर्ज की और मोकामा पर अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखी.2022 में अनंत सिंह को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया और उनकी विधायकी चली गई. इसके बाद, उनकी पत्नी ने आरजेडी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अनंत सिंह का राजनीतिक सफर विवादों और जेल की सजा से जुड़ा रहा है.
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