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Corona Virus: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने को भगवान की शरण में लोग

गौरतलब है कि बिहार में अब तक 72 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है, लेकिन अब तक एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है.

Updated on: 19 Mar 2020, 04:32 PM

पटना:

कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर जहां सरकार पूरी तरह सतर्क है और सभी एहतियाती कदम उठा रही है, वहीं लोग भी अब इसके संक्रमण से बचने के लिए भगवान और अपने अराध्य की शरण में पहुंच रहे हैं. पटना (Patna) के कई स्थानों में कोरोना के संक्रमण से पूरी दुनिया को सुरक्षित करने के लिए हवन, पूजन का कार्यक्रम किया जा रहा है तो तख्त श्री हरिमंदिरजी पटना साहिब में तीन दिवसीय श्रीगुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ का आयोजन किया गया है.

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कोरोना के संक्रमण से पूरी दुनिया की मुक्ति के लिए सिखों के पवित्र धर्मस्थल तख्त श्री हरिमंदिरजी पटना साहिब में तीन दिवसीय श्रीगुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जा रहा है. बुधवार से प्रारंभ इस अखंड पाठ का समापन शुक्रवार को सुबह होगा. पटना साहिब प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह ने बताया कि गुरु महाराज की कृपा से इस अखंड पाठ के बाद कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया से समाप्त हो जाएगा. 

इधर, कंकड़बाग के एमआजी पार्क में भी कोरोना से बचाव के लिए हवन किया गया. इस हवन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कोरोना के फैले वायरस को समाप्त करना है. मध्यम आय वर्गी कल्याण संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल लोगों का कहना है कि हवन सामग्री में कई तरह की जड़ी-बूटी मिलाई जाती है. इस बीच, पालीगंज के हाईस्कूल मैदान में भी कोरोना वायरस को रोकने के लिए बुधवार को हवन यज्ञ किया गया.

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मुजफ्फरपुर जिले के ब्रह्मपुरा थाना इलाके के जुरन छपरा स्थित महामाया मंदिर के प्रांगण में कोरोनावायरस से राहत के लिए विश्वशांति यज्ञ-हवन का आयोजन किया गया है. हवन करा रहे आचार्य रंजीत नारायण तिवारी ने कहा कि जहां कोई भी दवा, दुआ काम नहीं आती है, वहां मात्र भगवान का ही सहारा होता है. उन्होंने कहा कि इस हवन यज्ञ से मुजफ्फरपुर और बिहार ही नहीं, पूरे विश्व में कोरोना वायरस के कहर से राहत मिलेगी. इसके अलावा भी कई मंदिरों में इस संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूजा-पाठ और हवन किए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि बिहार में अब तक 72 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है, लेकिन अब तक एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है. बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 354 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया, जिसमें से 113 लोगों को 14 दिनों के निगरानी पूरी कर ली है. बिहार सरकार ने कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने, जांच और इलाज में सहयोग नहीं करने वालों पर सामाजिक हित में कानूनी कार्रवाई करने तथा इसके लिए प्रशासन को व्यापक अधिकार देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर राज्य में 'एपिडेमिक डिजीज, कोविड-19, नियमावली 2020' को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है.

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