सुशांत सिंह राजपूत मामले पर कांग्रेस की नसीहत के बाद भाजपा ने पूछे 7 सवाल
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या के मामले को लेकर जहां बिहार पुलिस मुंबई में जांच कर रही है वहीं बिहार में कांग्रेस और भाजपा भी आमने-सामने आ गई हैं.
पटना:
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कथित आत्महत्या के मामले को लेकर जहां बिहार पुलिस मुंबई में जांच कर रही है वहीं बिहार में कांग्रेस और भाजपा भी आमने-सामने आ गई हैं. भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस से सात सवाल पूछे हैं. बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कांग्रेस बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को सलाह देते हुए कहा कि वे (गोहिल) बिहार की सरकार और जनता को नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना-कांग्रेस को नसीहत दें. सुशांत मामले में अगर कांग्रेस की नियत साफ है तो सात सवालों का जवाब दें.
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आनंद ने गोहिल द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के मसले पर राजनीति न करने की सलाह देने के बयान पर पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि गोहिल बिहार कांग्रेस के प्रभारी है और वे खुद को बिहार की जनता का प्रभारी समझ कर ठेकेदारी न करें. वे महाराष्ट्र सरकार का प्रवक्ता बनकर सुशांत सिंह राजपूत के मामले में राजनीति न करने की सलाह बिहार की सरकार को दे रहे हैं या फिर बिहार की जनता को.
निखिल आनंद ने गोहिल से सुशांत सिंह राजपूत के मामले में सात सवाल पूछे. निखिल ने पूछा, 'उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी में से किसके कहने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से बात किया? क्या वे कांग्रेस के भैया और दीदी के बॉलीवुड रिश्तों के हित में महाराष्ट्र सरकार से बात करने गए थे? क्या महाराष्ट्र सरकार और उसमें शामिल कांग्रेस एवं शिवसेना 'बालीवुड स्टार्स' से पुराने रिश्ते निभा रही है?'
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आनंद ने आगे के सवालों में पूछा, 'क्या कांग्रेस पार्टी सुशांत को न्याय के खिलाफ और साजिशकतार्ओं के पक्ष में खड़ी है? कांग्रेस पार्टी और शिवसेना सुशांत मामले में सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं कर रही है? गोहिल का यह बयान कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत मामले की जांच सही दिशा में कर रही है, क्या यह बयान राजनीतिक नहीं है? फिर महाराष्ट्र सरकार और मुम्बई पुलिस की तरफ से न्याय के लिए आश्वस्त कर बिहार सरकार को अस्पताल और स्मारक बनाने की नसीहत देना, क्या राजनीतिक बयान नहीं है?'
सुशांत मामला अब राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालांकि इस मामले में उद्धव ठाकर से बातचीत करने की सम्भावना से इंकार किया है लेकिन अपने आईपीएस अधिकारी को मुम्बई जबरन क्वारंटाइन किए जाने पर काफी नाराज हैं.
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नीतीश ने कहा है कि हमारे अधिकारी के साथ मुम्बई में जो हुआ, वह सही नहीं है. पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ' मुंबई गए आईपीएस अधिकारी के साथ जो हुआ वह सही नहीं हुआ. वो अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. हमारे पुलिस महानिदेशक इस मामले में महाराष्ट्र के अधिकारियों से बात करेंगे.'
उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस की चार सदस्यीय पुलिस टीम मुंबई में सुशांत आत्महत्या मामले की जांच कर रही है. इसी सिलसिले में आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को रविवार को मुम्बई भेजा गया था, लेकिन रात करीब 11 बजे बीएमसी ने तिवारी को जबरन क्वारंटाइन कर दिया.
2015 बैच के प्रशासनिक सेवा अधिकारी विनय तिवारी रविवार दोपहर मुम्बई पहुंचे थे. वहां पहुंचते ही तिवारी अपना पहला बड़ा कदम उठा पाते उससे पहले ही बीएमसी ने उन्हें क्वारंटीन कर दिया. बीएमसी ने सोमवार को कहा कि कुमार को कोविड-19 महामारी से जुड़े नियमों के तहत क्वारंटाइन किया गया है.
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