Sanjivani Yojana: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संजीवनी योजना का ऐलान किया है. स्कीम के तहत 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्तियों को फ्री में पूरा इलाज मिलेगा. यही वजह है कि पार्टी ने इसे ‘केजरीवाल की गारंटी’ के तौर पर लोगों के सामने पेश किया है. सिर्फ दिल्ली के लोग ही संजीवनी योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. हालांकि, उनको योजना लाभ चुनाव बाद अगर दिल्ली में 'आप' की सरकार बनती है, तो ही मिलेगा.
जरूर पढ़ें: तहरीक-उल-मुजाहिदीन का खूंखार आतंकी गिरफ्तार, Pakistan से लेकर आया था ट्रेनिंग, जानिए- कितने खतरनाक थे मंसूबे?
संजीवनी योजना की खासियतें
मिली जानकारी के मुताबिक, संजीवनी योजना के तहत बिना किसी भेदभाव के तहत बुजुर्गों को इलाज मुहैया करवाया जाएगा. जाति, धर्म, लिंग, समुदाय, अमीर-गरीब किसी भी आधार पर उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. अगर कोई बुजुर्ग है और अगर वो बीमार है, तो उसे फ्री में इलाज मिलेगा. अगर आपके पास दिल्ली का वोटर कार्ड है, तो आप इस योजना का लाभ पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जरूर पढ़ें: India America: सोचा नहीं था ऐसा होगा! भारत ने अमेरिका को इस मामले में दिया पछाड़, आपके फायदे से जुड़ी है खबर
सरल शब्दों में समझें तो अगर आप बीमार हैं, सीनियर सिटिजन हैं तो यही संजीवनी योजना का लाभ पाने के लिए आपकी पात्रता है. जिस तरह से ‘आप’ सरकार की बुजुर्गों को फ्री में तीर्थ यात्रा कराने की योजना सफल रही है, वैसे ही उम्मीद कि जा रही है कि संजीवनी योजना भी दिल्लीवासियों के लिए अहम साबित होगी.
जरूर पढ़ें: चमक गई किस्मत! India के मित्र देश में मिला इतना बड़ा ‘खजाना’, अमेरिका को नहीं हो रहा यकीन, China के छूटे पसीने
दिल्ली में कितने बुजुर्ग लोग?
2001 की जनगणना में बुजुर्गों की संख्या 7.19 लाख और 5.2 फीसदी थी. दस साल बाद 2011 में बुजुर्गों का प्रतिशत बढ़कर 6.8 हो गया. 2018 में दिल्ली में 21 लाख सीनियर सिटिजन रह रहे थे, जो कुल आबादी का 8.5 फीसदी थे. साल 2021 में यह प्रतिशत बढ़कर 9.7 पहुंच चुका है. ऐसे में मोटे तौर कहा जा सकता है कि 2024 में 10 फीसदी आबादी बुजुर्गों की दिल्ली में रह सकती है. इसका मतलब ये हुआ कि दो करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में 20 लाख से ज्यादा बुजुर्ग हैं.
जरूर पढ़ें: ‘राम मंदिर बनाने से कई हिंदू नेता नहीं बन जाता’, भागवत के बयान पर गरमाई सियासत, क्यों हमलावर है कांग्रेस?