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IPL इतिहास में CSK के लिए पहली बार रितुराज गायकवाड ने किया ये काम, जानिए कोच ने क्‍या कहा 

आईपीएल 2020 में चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स का सफर खत्‍म हो गया है. एमएस धोनी की कप्‍तानी वाली सीएसके अभी तक दस आईपीएल में खेल चुकी है, लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि टीम टॉप चार में न पहुंची हो.

Updated on: 02 Nov 2020, 06:17 PM

नई दिल्‍ली :

आईपीएल 2020 में चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स का सफर खत्‍म हो गया है. एमएस धोनी की कप्‍तानी वाली सीएसके अभी तक दस आईपीएल में खेल चुकी है, लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि टीम टॉप चार में न पहुंची हो, पहली बार टीम प्‍लेआफ की रेस से काफी दूर रह गई है. ये सीजन भले सीएसके लिए अच्‍छा न रहा हो, लेकिन टीम को रितुराज गायकवाड के रूप में एक भरोसेमंद सलामी बल्‍लेबाज जरूर मिल गया है. शुरुआती तीन में से दो मैचों में शून्‍य पर आउट होने के बाद जब फिर रितुराज को टीम में मौका दिया गया, तो उन्‍होंने शानदार प्रदर्शन किया और लगातार एक के बाद एक तीन अर्धशतक ठोक दिए. आईपीएल के 13 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स के किसी बल्‍लेबाज ने लगातार तीन पारियों में 50 रन से ज्‍यादा की पारी खेली हो. अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ था. उम्‍मीद की जानी चाहिए कि वे अगले साल भी आईपीएल में सीएसके लिए सलामी बल्‍लेबाज के तौर पर ही खेलते हुए दिखाई देंगे. 

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चेन्नई सुपरकिंग्स के सलामी बल्लेबाज रितुराज गायकवाड के कोच संदीप चव्हाण ने कहा कि उन्होंने सात साल पहले इस युवा खिलाड़ी को पारी का आगाज करने की सलाह दी थी. महाराष्ट्र के इस खिलाड़ी की तारीफ आईपीएल की उनकी टीम यानी चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स के कप्तान एमएस धोनी ने भी की है. उन्होंने लगातार तीन पारियों में अर्धशतक लगाकर तीन मैन ऑफ द मैच हासिल किए. संदीप चव्हाण ने कहा कि वह दिलीप वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी में हमारा प्रशिक्षु थे. मुझे लगता है तब वह 16 साल के थे और जूनियर स्तर पर महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते थे. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि मैंने रितुराज से क्लब मैच में पारी का आगाज करने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें भविष्य में फायदा होगा.

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संदीप चव्हाण कहते हैं कि वह 16 साल के थे और स्थानीय टूर्नामेंट (मांडके ट्रॉफी) के सीनियर स्तर के मैच में उन्होंने पारी का आगाज करते हुए 100 और 90 रन बनाकर मेरे फैसले को सही साबित किया. उन्होंने कहा कि राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए शुरुआत में सलामी बल्लेबाज के तौर पर उसे कुछ परेशानी हुई लेकिन वह इसमें ढल गया और अब विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज है.  चव्हाण ने कहा कि गायकवाड़ 2008-09 में 12 साल की उम्र में इस अकादमी में शामिल हुए और उन्हें तभी पता चल गया था कि उनमें एक विशेष प्रतिभा है. कोच ने कहा कि शुरुआत में उसके साथ तकनीक की समस्या थी लेकिन उसने अंडर-14 की जगह अंडर-19 में खेलना शुरू किया और इससे उसका आत्मविश्वास काफी बढ़ा. उनके बचपन के दिनों के एक अन्य कोच मोहन जाधव ने कहा कि रितुराज गायकवाड़ ने आईपीएल में जैसी सफलता हासिल की वैसी ही सफलता उन्होंने सीनियर स्तर पर भी हासिल की थी. 

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उन्होंने कहा कि वह आमंत्रण टूर्नामेंट के शुरुआती दो मैचों में सफल नहीं रहे थे लेकिन उन्होंने तीसरे मैच में अच्छी पारी खेली जिससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा. उन्होंने फाइनल में 182 रन की पारी खेली जिसके बाद महाराष्ट्र की जूनियर टीम में उनका चयन हुआ. उन्होंने कहा कि रितुराज की सबसे बड़ी विशेषता खुद में सुधार करने की ललक और आपने खेल को अच्छे तरह से समझना है.