India vs England Lords Test: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला लॉड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जा रहा है. लॉड्स दुनिया के सबसे खुबसूरत मैदानों में से एक है. इस मैदान को क्रिकेट का मक्का भी कहा जाता है. यहां अच्छा प्रदर्शन करना हर खिलाड़ी का सपना होता है. वहीं लॉड्स के इस मैदान का इतिहास भी काफी दिलचस्प है. क्या आप जानते हैं कि इस मैदान का नाम लॉर्ड्स क्यों कहा जाता है, चलिए जानते हैं.
लॉड्स क्रिकेट ग्राउंड का इतिहास
बता दें कि इस मैदान का नाम थॉमस लॉर्ड के नाम पर रखा गया है, जो एक प्रोफेशनल क्रिकेटर थे और 18वीं सदी के उत्तरार्ध में व्हाइट कंड्यूट क्लब नाम टीम का हिस्सा थे. वो एक गेंदबाज थे. बता दें कि यह मैदान इंग्लैंड के सेंट जॉन वूड, वेस्टमिंस्टर में स्थित है, लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि आज जो लॉड्स क्रिकेट ग्राउंड पर, वो अपनी असली जगह पर नहीं है. यह उन 3 मैदानों में से तीसरा है, जिन्हें लॉर्ड ने 1787 और 1814 के बीच में बनवाया था.
लॉड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाता है क्रिकेट का नियम
थॉमस लॉर्ड ने सबसे पहले जो ग्राउंड बनवाया था, उसे अब लॉर्ड्स ओल्ड ग्राउंड कहा जाता है. यह मैदान वहीं था, जहां अब डोरसेट स्क्वायर है. इसके बाद थॉमस ने लॉर्ड्स मिडिल ग्राउंड नाम का दूसरा ग्राउंड बनाया, जिसका इस्तेमाल 1811 से 1813 तक किया गया. वहीं अब जिस ग्राउंड पर क्रिकेट खेला जाता है यह तीसरा मैदान है, जिसे थॉमस ने बनवाया था.
लॉड्स क्रिकेट ग्राउंड का मालिकाना हक इस समय मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के पास है. यही से क्रिकेट के नियम लिखे जाते हैं. बता दें कि MCC क्रिकेट के नियमों का संरक्षक है. इस मैदान में अभी 31000 से भी ज्यादा दर्शकों के बैठने की क्षमता है. इस मैदान पर पहला इंटरनेशल मैच 1884 में खेला गया था.
यह भी पढ़ें: IND vs ENG: नीतीश कुमार रेड्डी ने एक ही ओवर में इंग्लैंड के दोनों खतरनाक ओपनर को किया आउट, देखें Video
यह भी पढ़ें: एक दो या तीन नहीं, ट्रेंट बोल्ट ने 4 प्रयासों के बाद पकड़ा कैच, हाथों से फिसलते-फिसलते बची गेंद, वायरल हुआ वीडियो
यह भी पढ़ें: इटली ने क्रिकेट में लहराया परचम, अपने से मजबूत टीम को दी शिकस्त, विश्व कप में क्वालीफाई करने के करीब