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VIDEO Natwest Series : सौरव गांगुली का वह टीशर्ट लहराना और 18 साल बाद....

वह साल था 2002 और टीम इंडिया के कप्‍तान थे सौरव गांगुली. लेकिन तारीख वही थी जो आज है, यानी 13 जुलाई. तब से बहुत कुछ बदल चुका है.

Updated on: 13 Jul 2020, 01:00 PM

New Delhi:

वह साल था 2002 और टीम इंडिया (Team India) के कप्‍तान थे सौरव गांगुली (Sourav Ganguly). लेकिन तारीख वही थी जो आज है, यानी 13 जुलाई. तब से बहुत कुछ बदल चुका है, लेकिन एक बात जो नहीं बदली वह यह कि आज भी जब भी उस मैच के बाद का दृश्‍य सामने आता है तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. आज ही के दिन अब से ठीक 18 साल पहले सौरव गांगुली की टीम इंडिया ने नेटवेस्‍ट सीरीज (Natwest Series 2002) के फाइनल में इंग्‍लैंड को करारी मात दी थी और वह भी तब जब भारतीय टीम करीब करीब वह मैच हार ही गई थी. हालांकि बाद में सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने उस मैच का जिक्र करते हुए कहा भी था कि उन्‍हें शायद यह नहीं करना चाहिए था, जीत का जश्‍न मनाने के लिए और भी तरीके हो सकते थे. लेकिन दादा यानी सौरव गांगुली ने क्‍या कहा था, कैसा था वह मैच और सौरव गांगुली ने टीशर्ट आखिर लहराई क्‍यों थी. 

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किंग ऑफ कोलकाता पू्र्व कप्‍तान सौरव गांगुली ने अपनी आत्मकथा लिखी है, जिसका नाम 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' है. इस किताब में सौरव गांगुली ने इस मैच का जिक्र किया है. सौरव गांगुली ने किताब में लिखा है कि 2002 के नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल मैच में जीत को लेकर टीम काफी उत्साहित थी. मैच में जैसे ही गेंदबाज जहीर खान ने विनिंग शॉट लगाया मैं अपने आपको रोक नहीं सका और टी-शर्ट उतारकर लहराने लगा. इसके साथ ही सौरव गांगुली ने यह भी लिखा है कि जीतने के बाद टी-शर्ट उतारकर जश्‍न मनाना सही नहीं था. उन्‍होंने लिखा है कि जीत का जश्न मनाने के और भी कई तरीके हो सकते थे.

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आपको बता दें कि सौरव गांगुली ने लार्ड्स की बालकनी से अपनी टी-शर्ट उतारकर इंग्‍लैंड के ऑलराउंडर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था. सौरव गांगुली ने बताया था कि जब 2002 में इंग्लैंड की टीम भारत आई थी तब एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े में सीरीज जीतने के बाद अपनी टी शर्ट उतारकर मैदान का चक्कर लगाया था. तभी से सौरव गांगुली के दिमाग में यह तस्‍वीर चस्‍पा हो गई थी, इसके बाद उसी साल इंग्‍लैंड में सौरव गांगुली को भी जश्‍न मनाने का मौका मिला.
आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय बल्‍लेबाज मयंक अग्रवाल ने ट्वीटर पर सौरव गांगुली से बात की थी, उसमें भी यह सवाल किया गया. इस पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था कि उनकी कप्तानी वाली जिस टीम ने 2002 में नेटवेस्ट सीरीज में ऐतिहिासिक जीत हासिल की थी उस जीत के बाद टीम ने आवेश में आ गई थी. भारत ने 13 जुलाई 2002 को सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड द्वारा रखे गए 326 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था और जीत दर्ज की थी.

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आपको बता दें कि इस मैच में मोहम्मद कैफ ने नाबाज 87 और युवराज सिंह ने 69 रनों की पारी खेली थी. दोनों ने अहम समय पर बेहतरीन साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी. सौरव गांगुली ने कहा था कि वो शानदार पल था, हम आपे से बाहर हो गए थे, लेकिन यही खेल है. जब आप इस तरह के मैच जीतते हो तो आप ज्यादा जश्न मनाते हो. वो महान मैचों में से एक है जिनका मैं हिस्सा रहा. उन्होंने कहा, नेटवेस्ट का अपना अलग स्थान है. आप इंग्लैंड में शनिवार को लॉर्ड्स में मैच जीतते हो. खचाखच भरे स्टेडियम में जीतना शानदार एहसास था. उन्‍होंने कहा था कि विश्व कप फाइनल-2019 वहां हुआ था और मैं वहां कॉमेंट्री कर रहा था. वो अविश्वस्नीय था.

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टीम इंडिया के शानदार फील्‍डर रहे युवराज सिंह और मोहम्‍मद कैफ से इस मैच के बारे में कई बार बात हो चुकी है. ऐसे ही एक बार बातचीत में इन दोनों ने क्‍या कहा था, चलिए इस पर नजर डालते हैं. कुछ ही दिन पहले मोहम्‍मद कैफ ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि युवराज सिंह के आउट होने के बाद उन्हें लगा था कि भारत मैच हार गया.युवराज सिंह और मोहम्‍मद कैफ ने इस मैच में मुश्किल समय में छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की थी. यह साझेदारी उस समय आई थी, जब भारत ने अपने पांच विकेट 146 रनों पर ही खो दिए थे. मोहम्‍मद कैफ 87 रनों पर नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाने में सफल रहे थे. मोहम्‍मद कैफ को उस मैच के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्‍कार भी दिया गया था.
मोहम्‍मद कैफ ने युवराज सिंह के साथ इंस्टागराम लाइवचैट में कहा था कि जब युवराज सिंह आउट हो गए थे, तब मुझे लगा कि मैच गया. मुझे नहीं लग रहा था कि हम मैच जीतेंगे. मैं सेट था और आप वहां थे तो मुझे लगा था कि अगर हम आखिर तक खेलेंगे दो मैच जीत जाएंगे. लेकिन आप आउट हो गए और भारत ने उम्मीदें खो दीं. मेरा दिल टूट गया था. भारत आखिरकार मैच जीता और कप्तान कप्‍तान सौरव गांगुली ने लॉडर्स की बालकनी से टी-शर्ट उतार कर लहराई. गांगुली की इस बात को भी हमेशा याद किया जाता है.
भारत की ओर से उस मैच में कप्‍तान सौरव गांगुलजी ने 60, वीरेंद्र सहवाग ने 45 रन की पारी खेली थी, वहीं निचले क्रम में युवराज सिंह ने 63 गेंद में 79 रन की और मोहम्‍मद कैफ ने 75 गेंद में 87 रन की पारी खेली थी. भारतीय टीम ने तीन गेंद शेष रहते इस मैच को जीत लिया था. उस जीत को भारत की अब तक सबसे बड़ी जीतों में से एक गिना जाता है.