संन्यास के बाद भावुक हुए सुरेश रैना, देखिए किसे किसे किया याद
भारत के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने अपने इंस्टाग्राम पर एक खास संदेश पोस्ट करते हुए उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को बनाने में मदद की.
New Delhi:
भारत के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना (Suresh Raina) ने अपने इंस्टाग्राम पर एक खास संदेश पोस्ट करते हुए उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को बनाने में मदद की. सुरेश रैना (Suresh Raina) ने महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के संन्यास के कुछ मिनट बाद ही शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी. सुरेश रैना और एमएस धोनी आईपीएल (IPL) में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेलते हैं. भले इन दोनों ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया हो, लेकिन ये दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल में इस साल भी खेलते हुए नजर आएंगे.
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संन्यास का ऐलान करने के बाद सुरेश रैना ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि बहुत सारी मिश्रित भावनाओं के साथ मैं अपने संन्यास का ऐलान कर रहा हूं. बहुत ही छोटी उम्र से इस लड़के ने अपने शहर की हर गली, नुक्कड़ में क्रिकेट को जीया है और तब जाकर टीम इंडिया में प्रवेश किया. मुझे सिर्फ क्रिकेट ही पता था और वही खेलना आता था. मेरी नसों में क्रिकेट दौड़ता था. उन्होंने कहा, मैंने भगवान से दुआ मांगी जो कबूल हुई और लोगों ने मेरे लिए प्रार्थना भी किया. उन्हीं का आशीर्वाद था जो मैं यहां तक पहुंचा और उसे गेम तक लेकर गया. मेरी कई सारी सर्जरी हुईं, जब मुझे लगा कि अब मुझे यहीं रुक जाना चाहिए लेकिन मैं रुका नहीं और आगे बढ़ता गया. मेरे लिए ये सफर बेहद शानदार था और जिन लोगों ने इस उतार-चढ़ाव में मेरा साथ दिया उनका बहुत बहुत शुक्रिया.
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सुरेश रैना ने आगे कहा कि सफर आसान नहीं हो पाता अगर मेरा परिवार, मेरी प्यारी पत्नी प्रियंका, मेरी बेटियां ग्रासिया और रियो, मेरी बहनें और मेरा पूरा परिवार मेरा साथ नहीं देता. अगर ये सब नहीं होते तो कुछ नहीं होता. मेरे कोच, मेरे ट्रेनर्स, मेरे फिजिशियन्स सभी ने मेरा साथ दिया जिनकी बदौलत मैं यहां तक पहुंचा हूं. उन्होंने कहा, ये सबकुछ मुमकिन नहीं हो पाता अगर टीम इंडिया के साथियों का मुझे सपोर्ट नहीं मिलता. मैं काफी खुशकिस्मत हूं कि मुझे इतने बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला. वहीं मैं भाग्यशाली भी हूं कि मैंने बेहतरीन कप्तानों के साथ खेला जिसमें राहुल भाई, अनिल भाई, सचिन पाजी, चीकू और खासकर एक दोस्त की तरह गाइड करने वाले धोनी शामिल हैं. रैना ने कहा, मैं बीसीसीआई का धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने यूपी के एक लड़के को टीम इंडिया में खेलने का मौका दिया. अंत में मैं अपने फैंस का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने पूरे सफर के दौरान मेरा साथ दिया. हमेशा मेरा साथ देने के लिए तहे दिल से आप सभी का शुक्रिया. फॉरएवर टीम इंडिया. जय हिंद.
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सुरेश रैना ने कहा कि वह ऐसी किसी चीज के लिए रुकना नहीं चाहते थे जो उचित नहीं थी. करीब 33 साल के हो चुके सुरेश रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलविदा कहने के फैसले ने क्रिकेट जगत को आश्चर्यचकित कर दिया था. भारत के लिए 226 एकदिवसीय, 78 T20 अंतरराष्ट्रीय और 18 टेस्ट खेलने वाले सुरेश रैना ने कहा कि उन्होंने कभी भी चोटों को अपने भाग्य को निर्धारित नहीं करने दिया. सुरेश रैना आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में से एक माने जाते हैं. सुरेश रैना उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2011 में उनके पसंदीदा कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में विश्व कप जीता था. सुरेश रैना ने 226 वनडे मैचों में 5615 रन और 78 T20 मैचों में 1,605 रन बनाए हैं. T20 में शतक बनाने वाले वह पहले बल्लेबाज हैं. उन्होंने 18 टेस्ट मैचों में 768 रन बनाए हैं. वह 2011 विश्व कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रह चुके हैं.
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सुरेश रैना की खास बातें
टेस्ट क्रिकेट में सुरेश रैना ने श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में डेब्यू 26 जुलाई 2010 में किया और पहले टेस्ट में उन्होंने 120 रनों की पारी खेली, जिसमें 12 चौके और 2 छक्के शामिल थे. ये मैच ड्रॉ रहा था.
वनडे क्रिकेट में पहली सेंचुरी सुरेश रैना ने 25 जून 2008 को हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ कराची में मारी थी. 101 रनों की इस पारी में रैना ने 7 चौके और 5 छक्के लगाए थे. इस मैच को टीम इंडिया 256 रनों से अपने नाम किया.
रैना का वनडे में दूसरा शतक 28 जून 2008 बांग्लादेश के खिलाफ कराची में ही आया. 116 रनों की नाबाद पारी में रैना ने 11 चौके और 3 छक्के लगाए थे. भारतीय टीम ने इस मुकाबले को 7 विकेट से जीत लिया था.
रैना के बल्ले से तीसरा वनडे शतक ढाका में 13 जनवरी 2010 को आय़ा. श्रीलंका के खिलाफ खेले गए मैच में टीम इंडिया भले ही नहीं जीत पाई हो लेकिन रैना ने 106 रनों की शानदार पारी खेली थी.
वनडे में चौथा शतक इंग्लैंड के खिलाफ कार्डिफ में 27 अगस्त 2014 में आया. रैना ने उस पारी में 75 गेंदों का सामना करते हुए 12 चौके और 3 छक्कों की मदद से 100 रनों की पारी खेली थी. भारत ने DL नियमों के जरिए इस मैच को 133 रनों से जीता था.
वनडे क्रिकेट में आखिरी और पांचवां शतक रैना के बल्ले से 14 मार्च 2015 विश्व कप में आया. रैना ने ऑकलैंड में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में 110 रनों की पारी खेली. इस मैच को टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीत लिया था.
T20 में 2 मई 2010 में सुरेश रैना ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक जड़ा था. रैना ने 85 गेंदों पर ताबड़तोड़ अंदाज में 9 चौके और 5 छक्कों की मदद से 101 रन बनाए थे. भारत ने इस मैच को 14 रनों से जीत लिया था.
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