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कोरोना के बाद 1970-80 के दौर में लौट जाएगा क्रिकेट, जानिए किसने कही ये बात

भारतीय टेस्ट टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि कोविड-19 के बाद क्रिकेट जब एक बार फिर शुरू होगी तो खिलाड़ियों को नए नियमों के साथ तालमेल बैठाने में समय लगेगा.

Updated on: 21 May 2020, 03:10 PM

New Delhi:

भारतीय टेस्ट टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने कहा है कि कोविड-19 (Covid 19) के बाद क्रिकेट जब एक बार फिर शुरू होगी तो खिलाड़ियों को नए नियमों के साथ तालमेल बैठाने में समय लगेगा. कोरोनावायरस के कारण मार्च के मध्य से ही सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां बंद हैं. 

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आर अश्विन ने बुधवार को अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, कुछ चीजों के साथ ताल मेल बैठाने में समय लग सकता है. लॉकडाउन का पूरा समय और इसका अनुभव हमारे लिए अलग दुनिया की तरह रहा है. प्राकृति हमें कह रही है कि हमें रुकना चाहिए और थोड़ा पीछे होना चाहिए. बीते वर्षों में हमने इस दुनिया का काफी नुकसान किया है. अब यह समय है जब धरती और भगवान को उसका गौरव वापस दें.

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आर अश्विन ने कहा, यही बात क्रिकेट पर लागू होती है. 1970-80 के दौर में खिलाड़ी विकेट मिलने का जश्न अपनी-अपनी जगह खड़े होकर ताली बजा कर मानते थे. हाथ मिलाना, गले मिलना ये हालिया दौर में शुरू हुआ है. इसलिए जब हम दोबारा मैदान पर कदम रखेंगे तो हमें कुछ चीजों का आदि होने में समय लगेगा, लेकिन हमें इसे मानना पड़ेगा. मेरे लिए गेंद पर सलाइवा लगाना काफी स्वाभाविक है और इसे न करने के लिए अभ्यास करना होगा.

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अब तक 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लेने वाले अश्विन ने इस दौरान अपनी कैरम बॉल के बारे में भी बात की. बोले, यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. आपकी उंगली, आपके शरीर को उसे समझना होता है. उन्होंने कहा, मैंने जब इस कैरम बॉल का अभ्यास किया तो मैं हर दिन इसे बेहतर करने की उम्मीद करता था लेकिन प्रत्येक दिन कई सौ गेंदें करने के बाद मैं निराशा के साथ घर लौटता था कि मैंने जो लक्ष्य तय किया था उसे हासिल नहीं कर पाया. अश्विन ने कहा, उस दौर में बहुत खीझ होती है, क्योंकि आप अभ्यास करते हो और आपके उसको लेकर सपने होते हैं लेकिन यह इतना जल्दी हासिल नहीं होता जितनी आप उम्मीद करते हो. इसके बाद उन्होंने रिवर्स कैरम बॉल पर हाथ आजमाया. अश्विन ने कहा, मैंने रिवर्स कैरम बॉल करने का अभ्यास किया और अब मैं जब चाहूं तब ऐसी गेंद फेंक सकता हूं. मैं गुगली का अभ्यास कर रहा हूं. ये सभी चीजें मेरे संयम की परीक्षा लेते हैं. लेकिन मेरा मानना है जब आपके धैर्य की परीक्षा होती है तब आपको अधिक कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है. तब आपको अतिरिक्त कौशल और अतिरिक्त आत्मविश्वास की जरूरत पड़ती है.

(IANS inputs)