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धोनी से ज्यादा लकी क्यों रहे आशीष नेहरा, जानिए पूरा मामला

धोनी और रैना ने 15 अगस्त को संन्यास का ऐलान करके बिना फेयरवेल मैच खेले टीम इंडिया को अलविदा बोल दिया. बता दें कि इस मामले में पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा धोनी से काफी ज्यादा लकी साबित हुए.

Updated on: 16 Aug 2020, 03:07 PM

नई दिल्ली:

कहते हैं किस्मत वालों को सब कुछ मिलता है लेकिन कभी कभी किस्मत ऐसा खेल खेलती है जिसका अंदाजा किसी को नहीं होता है. भारतीय क्रिकेट (Team India) में कई दिग्गजों ने संन्यास लिया है, उनको फेयरवेल मैच भी मिला सबसे ज्यादा याद क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के फेयरवेल मैच को किया जाता है. वानखेडे में 2013 में सचिन ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ आखिरी मैच खेला था. वहीं सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) ने भी अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल रिटायरमेंट ली थी. जिसमें भले ही धोनी (Ms Dhoni) कप्तान थे लेकिन आखिरी पलों में उन्होंने दादा को कप्तानी सौंप दी थी. धोनी और रैना (Suresh Raina) ने 15 अगस्त को संन्यास का ऐलान करके बिना फेयरवेल मैच खेले टीम इंडिया को अलविदा बोल दिया. बता दें कि इस मामले में पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा(Ashish Nehra) , धोनी से काफी ज्यादा लकी साबित हुए.

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टीम इंडिया की जबसे कप्तानी धोनी ने संभाली है कई खिलाड़ी आए और कई खिलाड़ीयों ने संन्यास लिया. हालांकि कुछ ही खिलाड़ियों को फेयरवेल मैच खेलने का मौका मिला. बता दें कि कुछ वक्त पहले तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को भी उनका फेयरवेल मैच मिल गया था. आशीष नेहरा को 1 नवंबर 2017 में दिल्ली के उनके हॉम ग्राउंड में फेयरवेल मैच मिला था. इस टी-20 मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 53 रनों से हराया था. नेहरा ने 4 ओवर में 29 रन दिए थे लेकिन कोई विकेट हासिल नहीं की थी.

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वहीं इस लिस्ट में कुछ ऐसे भी दिग्गज भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने धोनी के साथ क्रिकेट तो खेला लेकिन शानदार करयिर के बाद उन्हें फेयरवेल मैच नहीं मिला. चलिए एक नजर उन खिलाड़ियों पर डाल लेते हैं जो फेयरवेल मैच के हकदार थे लेकिन किसी कारण उन्हें मौका नहीं मिला.

राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के कप्तान भी रह चुके हैं, अच्छा करियर होने के बाद भी वो टेस्ट क्रिकेट में फेयरवेल मैच नहीं खेल पाए. साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने अगस्त 2011 में संन्यास की घोषणा की थी. गेंदबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने भले ही वनडे क्रिकेट से जल्दी मुंह फेर लिया हो लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी बल्लेबाजी के बड़े-बड़े दिग्गज कायल थे. साल 2012 में टेस्ट टीम से ड्रॉप होने के बाद उन्होंने खेल को अलविदा कहने का मन लिया और अपना फेयरवेल मैच नहीं खेल पाए. 

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विश्व क्रिकेट के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने टीम इंडिया के लिए कई मैच अपनी पारी से जिताए हैं लेकिन साल 2013 उन्होंने आखिरी बार इंटरनेशनल क्रिकेट को खेला था. टीम में चयन का ना होना और बढ़ती उम्र को देखते हुए सहवाग ने साल 2015 में अपने रिटायरमेंट का ऐलान किया. वर्ल्ड क्रिकेट में सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह ने टीम इंडिया को दो विश्व कप जीताने में अहम रोल अदा किया था. हालांकि कैंसर जैसी बीमारी को मात देने के बाद युवी का करियर अच्छा नहीं रहा और साल 2017 में उन्हें आखिरी बार नीली जर्सी में देखा गया. लाख कोशिशों के बाद टीम में जगह ना मिलने पर साल 2019 में युवी ने क्रिकेट को अलविदा बोल दिया.

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विश्व कप 2011 के फाइनल में भारत के लिए अहम पारी खेलने वाले गौतम गंभीर ने साल 2016 में लास्ट अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था जिसके बाद उन्होंने 2018 में संन्यास लिया. गौतम काफी बढ़िया खिलाड़ी थे लेकिन उन्हें फेयरवेल मैच नहीं मिला. इस कड़ी में भारत के स्विंग गेंदबाज भी शामिल है, इरफान ने जिस तरह से करियर का आगाज किया था उससे ये लग रहा था कि टीम इंडिया को कपिल देव के बाद एक अच्छा ऑलराउंडर मिल गया हैं लेकिन पठान का करियर अच्छा नहीं रहा. साल 2012 में टीम इंडिया के लिए आखिरी बार खेलने वाले पठान ने साल 2020 में शांति से संन्यास का ऐलान किया. जहीर खान टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज में एक थे. हालांकि चोट के कारण वो अक्सर परेशान रहते थे. साल 2014 में जहीर ने भारत के लिए लास्ट मैच खेला और अक्टूबर 2015 में उन्होंने रिटायरमेंट ली.

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ऐसा बताया जा रहा है कि धोनी के लिए बीसीसीआई से गुजारिश की जा रहा है कि उनके लिए फेयरवेल मैच रांची में रखा जाए. हालांकि अभी तक बीसीसीआई की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. भले ही टीम इंडिया को धोनी ने अलविदा बोल दिया है लेकिन आईपीएल के लिए माही तैयार है.