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डिप्रेशन से बाल बाल बचे हैं टीम इंडिया के ये क्रिकेटर

क्रिकेट पर ही बनी फिल्‍म काय पो छे से अपने फिल्‍मी करियर की शुरुआत करने वाले सुशांत सिंह राजपूत को टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी पर बनी फिल्‍म एमएस धोनी द अनटोल्‍ड स्‍टोरी ने नई बुलंदियों पहुंचाया.

Updated on: 15 Jun 2020, 10:52 AM

New Delhi:

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) वैसे तो एक्‍टर हैं, लेकिन उनका क्रिकेट से भी करीबी नाता रहा है. क्रिकेट पर ही बनी फिल्‍म काय पो छे से अपने फिल्‍मी करियर की शुरुआत करने वाले सुशांत सिंह राजपूत को टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी (MS Dhoni) पर बनी फिल्‍म एमएस धोनी द अनटोल्‍ड स्‍टोरी ने नई बुलंदियों पहुंचाया. बताया जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) ने डिप्रेशन में आकर आत्‍महत्‍या कर ली है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिन्‍होंने पिछले दिनों खुद माना था कि वे इतना डिप्रेस हो गए थे कि आत्‍महत्‍या तक के बारे में सोचने लगे थे.

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रॉबिन उथप्‍पा
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह की मौत पर भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है. इस दौरान रॉबिन उथप्‍पा ने बड़ी बात कही, उन्‍होंने लिखा कि अगर आप ठीक नहीं हो तो यह बुरी बात नहीं है और जरूरी है कि हम उस पर चर्चा करें जो हमारे अंदर चल रहा है. भारत की 2007 की टी-20 विश्व कप जीत का हिस्सा रहे रॉबिन उथप्पा ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह डिप्रेशन में थे और उनके दिमाग में आत्महत्या करने के विचार आ रहे थे. रॉबिन उथप्पा ने ट्वीट किया, समझ से परे. आप जिस दर्द से गुजरे हो उसके बारे में सोच भी नहीं सकता. मेरी दुआएं आपके परिवार और दोस्तों के साथ हैं. भगवान आपकी आत्मा को शांति दे. उन्होंने लिखा, मैं इसे बार-बार नहीं दोहरा सकता. हम जो महसूस कर रहे हैं उसके बारे में बात करने की जरूरत है. हम जितना समझते हैं उससे ज्यादा मजबूत होते हैं. अगर आप ठीक नहीं हैं तो कोई बात नहीं है.

रॉबिन उथप्पा ने पिछले दिनों ही इस बात का खुलासा किया था कि अपने कैरियर में वह दो साल तक अवसाद और आत्महत्या के ख्यालों से जूझते रहे. क्रिकेट ही एकमात्र वजह थी, जिसने उन्हें ‘बालकनी से कूदने’ से रोका. रॉबिन उथप्पा ने रॉयल राजस्थान फाउंडेशन के लाइव सत्र ‘माइंड, बॉडी एंड सोल’ में कहा था कि मुझे याद है 2009 से 2011 के बीच यह लगातार हो रहा था और मुझे रोज इसका सामना करना पड़ता था. मैं उस समय क्रिकेट के बारे में सोच भी नहीं रहा था. उन्होंने कहा था कि मैं सोचता था कि इस दिन कैसे रहूंगा और अगला दिन कैसा होगा, मेरे जीवन में क्या हो रहा है और मैं किस दिशा में आगे जा रहा हूं. क्रिकेट ने इन बातों को मेरे जेहन से निकाला. मैच से इतर दिनों या ऑफ सीजन में बड़ी दिक्कत होती थी. रॉबिन उथप्पा ने कहा, मैं उन दिनों में इधर उधर बैठकर यही सोचता रहता था कि मैं दौड़कर जाऊं और बालकनी से कूद जाऊं. लेकिन किसी चीज ने मुझे रोके रखा. रॉबिन उथप्पा ने कहा कि इस समय उन्होंने डायरी लिखना शुरू किया. उन्होंने कहा कि मैंने एक इंसान के तौर पर खुद को समझने की प्रक्रिया शुरू की. इसके बाद बाहरी मदद ली, ताकि अपने जीवन में बदलाव ला सकूं. इसके बाद वह दौर था जब आस्ट्रेलिया में भारत ए की कप्तानी के बावजूद वह भारतीय टीम में नहीं चुने गए. उन्होंने कहा था कि पता नहीं क्यों, मैं कितनी भी मेहनत कर रहा था, लेकिन रन नहीं बन रहे थे. मैं यह मानने को तैयार नहीं था कि मेरे साथ कोई समस्या है. हम कई बार स्वीकार नहीं करना चाहते कि कोई मानसिक परेशानी है. इसके बाद 2014- 15 रणजी सत्र में रॉबिन उथप्पा ने सर्वाधिक रन बनाए. उन्होंने अभी क्रिकेट को अलविदा नहीं कहा है लेकिन उनका कहना है कि अपने जीवन के बुरे दौर का जिस तरह उन्होंने सामना किया, उन्हें कोई खेद नहीं है. उन्होंने कहा, मुझे अपने नकारात्मक अनुभवों का कोई मलाल नहीं है क्योंकि इससे मुझे सकारात्मकता महसूस करने में मदद मिली. नकारात्मक चीजों का सामना करके ही आप सकारात्मकता में खुश हो सकते हैं.

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प्रवीण कुमार 
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने इस साल जनवरी में कहा था कि डिप्रेशन की वजह से वे कुछ महीनों पहले खुदकुशी करने के बारे में सोच रहे थे. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्‍यू के दौरान प्रवीण कुमार ने कहा था कि वह  किस तरह खुदकुशी करने के लिए एक मफलर और रिवॉल्वर लेकर हाईवे से ड्राइविंग करते हुए हरिद्वार पहुंच गए थे. उन्होंने अपने आप से पूछा, क्या है यह सब? बस खत्म करते हैं. प्रवीण कुमार ने बताया कि वह डिप्रेशन के शिकार रहे हैं और इस वक्त उनकी थेरेपी और दवा चल रही है. आपको बता दें कि प्रवीण कुमार को साल 2011 में डेंगू हो गया था. वह विश्वकप जीतने वाली टीम में नहीं थे. इसके बाद उनके लिए एक और खराब दौर आया, जब 2014 के आईपीएल में उनकी बोली नहीं लगी. इसके बाद प्रवीण कुमार को लगा कि अब उनकी जिंदगी में सब कुछ ठहर गया है. उन्होंने बताया कि मैं काफी अच्छी बॉलिंग कर रहा था. हर कोई मेरी तारीफ कर रहा था. मैं टेस्ट क्रिकेट के सपने देख रहा था. लेकिन अचानक सब खत्म हो गया था. वह नेशनल, इंटरनेशनल क्रिकेट से नदारद थे. उन्हें टीम में जगह नहीं मिल रही थी. प्रवीण कुमार ने कहा कि वह क्रिकेट में वापस लौटना चाहते हैं. यही एक चीज है, जिसे मैं जानता हूं और प्यार करता हूं.

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मोहम्‍मद शमी 
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने हाल ही में कहा था कि जब वह 2015 विश्व कप के बाद चोट से वापसी कर रहे थे, तब उन्होंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में सोचा था. मोहम्‍मद शमी ने इंस्टाग्राम पर रोहित शर्मा के साथ बात करते हुए बताया था कि 2015 विश्व कप के बाद अपनी चोट से वापसी करते हुए और निजी जीवन की परेशानियों के बीच उन्हें अपनी एकाग्रता बनाए रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था. मोहम्‍मद शमी ने कहा, मैं 2015 विश्व कप में चोटिल हो गया था. इसके बाद मुझे 18 महीने लगे टीम में वापसी करने में और वह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौरा था. मोहम्‍मद शमी ने रोहित शर्मा से कहा कि आप जानते हैं कि रिहैब कितना मुश्किल होता है और उसके बाद पारिवारिक समस्याएं. ये सब चल रहा था और इसी बीच आईपीएल से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था. मीडिया में काफी कुछ चल रहा था मेरे निजी मुद्दों को लेकर भी. मोहम्‍मद शमी ने अपनी वापसी के पीछे परिवार द्वारा मिले समर्थन को वजह बताया है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर मुझे मेरे परिवार का साथ नहीं मिलता तो मैं क्रिकेट छोड़ देता. मैंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में सोचा था. मेरे परिवार में से किसी को मेरे पर नजर रखने के लिए मेरे पास बैठना होता था. मेरा घर 24वें माले पर था और उन्हें लगता था कि मैं कहीं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं.