logo-image

मोहम्‍मद कैफ बोले, ग्रेग चैपल ने अपना नाम खराब किया, जानिए क्‍यों और कैसे

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ का मानना है कि पूर्व कोच ग्रेग चैपल के पास मैन-मैनेजमेंट कौशल की कमी थी और यही कारण है कि वह इतने शानदार करियर के बावजूद भारतीय टीम के साथ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके.

Updated on: 28 May 2020, 07:10 AM

New Delhi:

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) का मानना है कि पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) के पास मैन-मैनेजमेंट कौशल की कमी थी और यही कारण है कि वह इतने शानदार करियर के बावजूद भारतीय टीम के साथ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. ग्रेग चैपल 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के कोच थे. इस दौरान उनकी टीम के कई सीनियर खिलाड़ियों, खासकर तत्कालीन कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ अनबन थी.

यह भी पढ़ें ः भारत में होगा अगले साल का T20 विश्‍व कप, आस्‍ट्रेलिया में 2022 में होगा विश्‍व कप, यहां जानें पूरा गणित

द टाइम्स आफ इंडिया डॉट कॉम ने मोहम्‍मद कैफ के हवाले से कहा, ग्रेग चैपल एक अच्छे बल्लेबाजी कोच बन सकते थे. लेकिन उन्होंने खुद अपना नाम खराब कर लिया, क्योंकि वह टीम को सही से संभाल नहीं पाए. वह भारतीय टीम की संस्कृति को नहीं समझ पाए. उनमें मैन-मैनेजमेंट कौशल का अभाव था और इसलिए वह एक अच्छे कोच साबित नहीं हो पाए. मोहम्‍मद कैफ ने चैपल और उनके उत्तराधिकारी जॉन राइट के बीच अंतर बताते हुए कहा, लोग जॉन राइट का सम्मान करते थे, क्योंकि उनका खिलाड़ियों और कप्तान के साथ बेहतर सामंजस्य था.

यह भी पढ़ें ः लॉकडाउन के बाद गेंदबाजों के लिये लय हासिल करना मुश्किल होगा : ली

इससे पहले भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह और हरभजन सिंह ने भी पूर्व कोच ग्रैग चैपल को आड़े हाथों लिया था. हरभजन सिंह ने भारत के कोच रह चुके ग्रेग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट के सबसे बुरे दिनों में बताया था. ग्रेग चैपल ने एक आर्टिकल में एमएस धोनी के बारे में कहा था कि वह धोनी को गेंद को नीचे रखकर मारने की सलाह देते थे. इसके बाद हरभजन ने ट्वीट किया था, उन्होंने धोनी से गेंद को नीचे रखकर मारने की सलाह दी, क्योंकि कोच उस समय सभी को स्टेडियम के बाहर भेज रहे थे. वह अलग ही गेम खेल रहे थे.

यह भी पढ़ें ः T20 विश्‍व कप नहीं होगा, IPL 2020 के लिए अक्‍टूबर में मिलेगी विंडो, यहां जानिए पूरी जानकारी

आपको बता दें कि चैपल ने प्लेराइट फाउंडेशन के साथ फेसबुक पेज पर बात करते हुए कहा था कि मुझे याद है कि जब मैंने धोनी को पहली बार बल्लेबाजी करते देखा तो मैं हैरान रह गया था. उस समय वह भारत में सबसे चमकदार क्रिकेट खिलाड़ी थे. वह काफी अलग तरह से पोजीशन में आकर गेंद को मारते थे. मैंने जितने भी बल्लेबाज देखे हैं, उनमें से वो सबसे ताकतवर हैं. उन्होंने कहा, मुझे उनकी श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 183 रनों की पारी याद है. उनकी ताकतवर बल्लेबाजी उस समय बेहतरीन थी. अगला मैच पुणे में था और मैंने धोनी से कहा था कि आप हर गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने के बजाए शॉट नीचे रखकर क्यों नहीं खेलते. अगले मैच में हम तकरीबन 260 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और अच्छी स्थिति में थे. धोनी ने कुछ दिन पहले जो बल्लेबाजी की थी, वह उससे उलट बल्लेबाजी कर रहे थे. चैपल ने कहा, हमें 20 रन चाहिए थे और धोनी ने 12वें खिलाड़ी आरपी सिंह के जरिए मुझसे छक्का मारने को पूछा था. मैंने कहा, तब तक नहीं जब तक लक्ष्य एक अंक में नहीं आ जाता. फिर जब हमें छह रन की जरूरत थी तो उन्होंने छक्का मारकर मैच समाप्त कर दिया.

(इनपुट आईएएनएस)