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कुलदीप यादव बोले, कोरोना वायरस के बाद जब मैदान में वापस उतरेंगे तो डर तो लगेगा, जानिए क्‍यों

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को लिमिटेड ओवरों के मैच में जब भी विकेट की दरकार होती है वह चाइनामैन कुलदीप यादव को याद करते हैं और यह गेंदबाज अपने कप्तान को निराश नहीं करता.

Updated on: 03 Jun 2020, 04:06 PM

New Delhi:

भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को लिमिटेड ओवरों के मैच में जब भी विकेट की दरकार होती है वह चाइनामैन कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को याद करते हैं और यह गेंदबाज अपने कप्तान को निराश नहीं करता. कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने कहा है कि उन्होंने अपने कप्तान से दबाव को संभालना सीखा. कुलदीप यादव ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने कप्तान से क्या-क्या सीखा. कुलदीप से जब पूछा गया कि इस दौर की क्रिकेट में जहां स्पिनरों पर रन बनाना आसान समझा जाता है, ऐसे में वह विकेट लेने का दबाव कैसे झेलते हैं? कुलदीप ने कहा कि कप्तान जो आत्मविश्वास दिखाता है वो काफी मददगार साबित होता है. उन्होंने कहा कि जब दबाव झेलने की बात आती है तो वह अपने कप्तान से काफी कुछ सीखते हैं.

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कुलदीप यादव ने कहा, अगर आपका कप्तान आपमें विश्वास करता है तो आपका मैदान पर सर्वश्रेष्ठ देना आसान हो जाता है. विराट से हमने काफी कुछ सीखा है कि मुश्किल स्थितियों से कैसे निपटना है. वह अपने खिलाड़ियों को प्रेरित करना नहीं भूलते. अभी भी, वह हमेशा मेरे साथ हैं. वह हमेशा आपकी योग्यताओं को सराहते हैं और हमारे बीच अच्छी ट्यूनिंग है. विराट की सबसे अच्छी बात यह है कि वह टीम और उसके खिलाड़ियों को समझते हैं जिससे मैदान पर आपका काम आसान हो जाता है. क्रिकेटर अपना अधिकतर समय मैदान पर बिताते हैं, लेकिन कोरोनावायरस के कारण बीते कुछ महीने घरों में ही रहे हैं. क्या यह खिलाड़ी के लिए मुश्किल है? इस पर कुलदीप ने कहा कि उन्होंने इस दौरान अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताया है.

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उन्होंने कहा, लॉकडाउन काफी लोगों के लिए मुश्किल रहा है, लेकिन मुझे आराम करने का समय मिल गया और मेरा शरीर भी चोटों से ठीक हो गया है. मैंने अपने परिवार के साथ अच्छा-खासा समय बिताया, लेकिन साथ ही इस समय फिटेनस को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहा. शुरुआत में यह काफी मुश्किल था, लेकिन धीरे-धीरे चीजें अपने आप सही होने लगीं. बाएं हाथ के स्पिनर ने कहा, मैंने अपने लिए एक कार्यक्रम बनाया था और मैं उसी पर काम कर रहा हूं. मैं बीसीसीआई ट्रेनर्स के भी लगातार टच में हूं. मैं खाने का शौकीन हूं और मुझे एक ही परेशानी आती थी वो थी डाइट प्लान का पालन करना क्योंकि वर्कआउट उतना मुश्किल नहीं होता है. इसलिए डाइट का पालन करना काफी अहम है. कई बार मैंने आराम किया और डाइट प्लान को माना नहीं, लेकिन मैंने रूटीन के साथ बने रहने की पूरी कोशिश की.

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लॉकडाउन में अब कुछ राहत मिली हैं और धीरे-धीरे खिलाड़ी निजी तौर पर ट्रेनिंग पर लौट सकते हैं. कुलदीप से जब उनके प्लान के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर हमें रूटीन में आने में समय लगेगा. यह इसी तरह है कि आप चार-पांच महीने का ब्रेक लेते हैं और फिर दोबारा आते हो तो यह काफी मुश्किल हो जाता है. यह बल्लेबाजों, स्पिनरों और तेज गेंदबाजों के लिए काफी मुश्किल है. अगर आप साथ ही अपना रोज का वर्कआउट करते हो और आपका फोकस बना रहता है तो आपको अपनी फॉर्म में आने में समय नहीं लगेगा.
सलाइवा बैन के बारे में जब कुलदीप से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह आदत है, लेकिन विशेषज्ञों को इस पर अंतिम फैसला लेना है और अभी तो वह मैदान पर वापसी करने के बारे सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर जब कोरोनावायरस खत्म हो जाएगा और आप मैदान पर कदम रखोगे तो डर तो होगा ही.

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सलाइवा को लेकर काफी बहस चल रही है. हां, यह काफी मुश्किल होगा क्योंकि बचपन से ही हम गेंद पर सलाइवा लगाने के आदी हैं. अब नए नियमों के साथ खेलना निश्चित तौर पर काफी मुश्किल होगा क्योंकि यह हमारी आदत है. इसके लिए काफी नियंत्रण और अभ्यास चाहिए होगा. इसे विशेषज्ञों पर छोड़ देते हैं. मैं डरा हुआ कम और मैदान पर आकर खेलने को लेकर ज्यादा उत्साहित हूं. कुलदीप से जब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, जाहिर सी बात है कि मैं उत्साहित हूं. मैंने सुना है कि टी-20 विश्व कप टल सकता है और आईपीएल हो सकता है. मैं पूरी तरह से तैयार हूं क्योंकि मुझे लंबे ब्रेक के बाद खेलने का मौका मिलेगा. आईपीएल मुश्किल टूर्नामेंट है और अगर इस साल यह होता है तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा. आईपीएल हमें आस्ट्रेलियाई सीरीज के लिए आत्मविश्वास देगा.