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INDvAUS : कनकशन सब्स्टीट्यूट मामले में विराट कोहली के साथ खड़े हुए अनिल कुंबले 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को खेले गए पहले T20 मैच में रवींद्र जडेजा की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को खेलाना भारत का सही फैसला था.

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Pankaj Mishra
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Anil Kumble

Anil Kumble ( Photo Credit : IANS)

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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को खेले गए पहले T20 मैच में रवींद्र जडेजा की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को खेलाना भारत का सही फैसला था. एक आलराउंडर की जगह स्पिनर को लाने से मुझे कोई समस्या नहीं है. यह कहना है कि भारत के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले का. अनिल कुंबले कनकशन नियमों से अच्छी तरह से होंगे, क्योंकि वह अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति की अध्यक्षता करते हैं और इसी समिति ने आस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज फिल ह्यूज के निधन के बाद इस नियम की सिफारिश की थी. बाद में आईसीसी ने इस नियम को अपनी मंजूरी दी थी.

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रवींद्र जडेजा को शुक्रवार को कैनबरा में खेले गए पहले टी20 मुकाबले के दौरान सिर पर चोट लगी थी. वह कनकशन में चले गए थे और उनकी जगह स्पिनर युजवेंद्र चहल ने गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट हासिल किए थे. युजवेंद्र चहल ने चार ओवरों में 25 रन देकर तीन विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच चुने गए और भारत को पहला टी-20 मैच जिताने में मदद की. उन्होंने कप्‍तान एरॉन फिंच, स्टीव स्मिथ और मैथ्यू वेड के विकेट लिए. रवींद्र जडेजा को मैच की पहली पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की गेंद हेलमेट पर लग गई थी. इसी कारण चहल उनके स्थान पर कनकशन खिलाड़ी के तरह आए थे.

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अनिल कुंबले ने विजयी लोकपल्ली और जी. कृष्णन द्वारा लिखित किताब 'द हिटमैन : द रोहित शर्मा स्टोरी' के वर्चुअल लोकार्पण के दौरान यह बात कही. अनिल कुंबले ने कहा कि फिल ह्यूज के दुखद निधन के बाद यह नियम पिछले कुछ वर्षों से लागू है. जब किसी के सिर पर चोट लगती है, तो उसके स्थान पर आने पर दूसरे खिलाड़ी को आना होता है. मुझे पता है कि रवींद्र जडेजा ने सिर पर चोट लगने से पहले अपनी हैमस्ट्रिंग खींच ली थी. जब वह चोटिल हुए तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने के लिए ज्यादा कुछ करना था. अनिल कुंबले ने कहा कि उन्होंने कुछ रिपोर्टों में यह भी पढ़ा था कि रवींद्र जडेजा ने फिजियो को नहीं बुलाया. 

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अनिल कुंबले ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि फिजियो को बुलाना रवींद्र जडेजा का फैसला है. यह अंपायरों पर है कि वे खेल को रोके और फिजियो को बुलाएं. ऐसा शायद इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि जडेजा सिंगल के लिए दौड़े और उन्होंने खेलना जारी रखा. वह ठीक था. कनकशन के लिए यह जरूरी नहीं कि मैदान पर उनका होना जरूरी है. आप ड्रेसिंग रूम में वापस आ सकते हैं और फिर आपको सिरदर्द या चक्कर आ सकता है. तभी डॉक्टर अंदर जाएंगे और रुकेंगे. इस मामले में शायद यही हुआ है. कुंबले ने साथ ही कहा कि वह इस बात को नहीं मानते कि जडेजा एक ऑलराउंडर है और उनकी जगह एक ऑलराउंडर को ही मैदान पर आना चाहिए था.

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पूर्व लेग स्पिनर ने कहा कि रवींद्र जडेजा बल्लेबाजी में अपना योगदान दे चुके थे और वह एक स्पिनर है, इसलिए एक स्पिनर (चहल) को जैसे-तैसे रिप्लेसमेंट के रूप में लाया गया. अगर भूमिका की बात है तो जब भारत गेंदबाजी कर रहा था और अगर जडेजा को बल्लेबाजी करनी थी और वह बल्लेबाजी नहीं कर सकता था, तो मुझे यकीन है कि चहल को नहीं लाया जाता. आपने जडेजा की जगह एक बल्लेबाज को देखा होगा. मुझे यकीन है कि चहल को अंतिम 15 में रखा गया था. इसलिए कनकशन रिप्लेसमेंट को लेकर मुझे कोई समस्या नहीं है.

Source : IANS

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