ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में गुलाबी गेंद के साथ होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम एक विकेटकीपर और चार गेंदबाजों के अलावा बल्लेबाजी विशेषज्ञों के साथ उतरेगी. 2018 में विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड का दौरा किया था, जहां टीम पांच बल्लेबाजों और पांच गेंदबाजों के साथ उतरी थी और दोनों विदेशी दौरे पर टीम को हार मिली थी.
यह भी पढ़ें : सौरव गांगुली को 1.5 करोड़ रुपये के कर मामले में मिली राहत
इसके बाद कप्तान विराट कोहली ने रणनीति में बदलाव किया और उसने छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ विदेश का दौरा किया. 2018-19 में उसने पहली बार 2-1 से सीरीज जीती. लेकिन विराट कोहली का यह फॉर्मूला इस साल फरवरी में न्यूजीलैंड दौरे पर काम नहीं आया था और टेस्ट सीरीज में हार मिली थी. उस सीरीज के बाद भारत गुरुवार को अपना पहला टेस्ट मैच खेलेगा और यह टेस्ट भारतीयों के लिए एक बड़ी परीक्षा होगी, जिन्हें यह साबित करना होगा कि वे लहराती गेंदों को भी खेल सकते हैं. हालांकि सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को छोड़कर पहले टेस्ट के लिए चुने गए सभी बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया में खेल चुके हैं और एडिलेड की सतह विशेष रूप से भारतीय विकेटों के समान हैं, जहां ज्यादा मूवमेंट नहीं है और ऐसे में गुलाबी गेंद एक चुनौती पेश करेगी.
यह भी पढ़ें : विश्व कप 2023 के क्वालीफाइंग मैचों का कार्यक्रम फिर से जारी, चेक कीजिए
चेतेश्वर पुजारा एक बार फिर से दूसरे छोर से अहम होंगे, जिन्होंने पिछली बार एडिलेड में एक शतक और 71 रन बनाए थे और भारत ने उस मैच को जीता था. पृथ्वी शॉ के खराब फॉर्म को देखते हुए उम्मीद थी कि शुभमन गिल को डेब्यू करने का मौका मिलेगा, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने पृथ्वी शॉ के साथ जाने का फैसला किया. वह मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत करेंगे. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा है कि टीम की जिम्मेदारी सीनियर बल्लेबाजों पर होगी और टीम प्रबंधन युवा शॉ से बिना चिंता के खुल कर खेलने को कहेगा.
यह भी पढ़ें : एमएस धोनी को लेकर केबीसी में पूछा गया ये सवाल, क्या आपको पता है जवाब
विराट कोहली ने कहा कि यह लोग निश्चित तौर पर काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. इसलिए वह लोग यहां हैं. शुभमन गिल को हालांकि अभी तक इस स्तर पर खेलने का अनुभव नहीं मिला हैण् जब भी उन्हें मौका मिलेगा यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि वह आत्मविश्वासी युवा खिलाड़ी हैं. पृथ्वी शॉ के पास आस्ट्रेलिया में टेस्ट खेलने का अनुभव नहीं है. वहीं ऋषभ पंत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले गए दूसरे अभ्यास मैच में शतक जमा कर विकेटकीपर के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की थी. वह पिछले आस्ट्रेलियाई दौरे पर भी टीम में थे. इसलिए लग रहा था कि टीम प्रबंधन उनके साथ जाना चाहेगा, लेकिन टीम ने साहा के अनुभव को पसंद किया.
पूर्व चयनकर्ता प्रमुख एमएसके प्रसाद ने आईएएनएस से कहा कि ऋषभ पंत को अभी भी अपने विकेटकीपिंग स्किल्स पर काम करने की जरूरत है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक दिन पहले ही शुभमन गिल को बतौर सलामी बल्लेबाज और ऋषभ पंत को बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल करने की पैरवी की थी. लेकिन लगता है कि पृथ्वी शॉ का अनुभव गिल पर भारी पड़ा और लगभग यही साहा के चुनने का एक कारण हो सकता है.
यह भी पढ़ें : वीवीएस लक्ष्मण बोले- विराट कोहली रोल मॉडल, कप्तानी पर उठाए सवाल
भारतीय टीम : विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), हनुमा विहारी, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी.
Source : Sports Desk