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ड्वेन ब्रावो भी भेदभाव के खिलाफ उतरे, बोले- हमने कभी बदले की बात नहीं की

श्‍वेत और अश्‍वेत को लेकर चल रही जंग के बीच लगातार क्रिकेट खिलाड़ी सामने आ रहे हैं. खास तौर पर वेस्‍टइंडीज के खिलाड़ी खूब मुखर होकर अपनी बात रख रहे हैं. अब ड्वेन ब्रावो ने भी प्रमुखता से अपनी बात रखी है.

Updated on: 10 Jun 2020, 12:28 PM

New Delhi:

श्‍वेत और अश्‍वेत को लेकर चल रही जंग के बीच लगातार क्रिकेट खिलाड़ी सामने आ रहे हैं. खास तौर पर वेस्‍टइंडीज के खिलाड़ी खूब मुखर होकर अपनी बात रख रहे हैं. वेस्‍टइंडीज के पूर्व कप्‍तान डेरेन सैमी (Darren Sammy) और क्रिस गेल (Chris Gayle) तो अपनी बात पहले ही रख चुके हैं अब ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo) ने भी प्रमुखता से अपनी बात रखी है. वेस्टइंडीज के आलराउंडर ड्वेन ब्रावो ने वर्षों से भेदभाव का शिकार रहे अश्वेत लोगों के लिए आदर और समानता की अपील करते हुए कहा कि अब बहुत हो चुका है. अमेरिका में श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मौत के बाद वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी और क्रिस गेल ने नस्लवाद की कड़ी निंदा की थी और अब ड्वेन ब्रावो ने भी इस मसले पर अपनी राय रखी. ड्वेन ब्रावो ने जिम्बाब्वे के पूर्व क्रिकेटर पॉमी मबांग्वा से मंगलवार को इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, दुनिया में जो रहा है वह दुखद है. अश्वेत होने के कारण के कारण हम अश्वेत लोगों के इतिहास को जानते हैं कि वे किस दौर से गुजरे हैं. हमने कभी बदले की बात नहीं की, हम बस समानता और आदर की बात करते हैं. 

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ड्वेन ब्रावो ने कहा, हम दूसरों का आदर करते हैं. फिर हम लगातार इसका सामना क्यों कर रहे हैं. अब बहुत हो चुका. हम केवल समानता चाहते हैं. हम बदला या जंग नहीं चाहते हैं. ब्रावो ने कहा, हम सम्मान चाहते हैं. हम हर वर्ग के लोगों में प्यार बांटते हैं और उनकी सराहना करते हैं. यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. वेस्टइंडीज की तरफ से 40 टेस्ट, 164 वनडे और 71 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले ब्रावो ने कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया यह जाने कि वे शक्तिशाली और अच्छे लोग है. उन्होंने नेल्सन मंडेला, मोहम्मद अली और माइकल जोर्डन जैसे लोगों को उदाहरण दिया.

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ड्वेन ब्रावो ने कहा, हम चाहते हैं कि हमारे भाई और बहन यह जानें कि हम शक्तिशाली और सुंदर हैं. आप दुनिया के कुछ महान लोगों पर गौर करिये चाहे वह नेल्सन मंडेला हों, मोहम्मद अली या माइकल जोर्डन. हमारे पास ऐसा नेतृत्व रहा जिन्होंने हमारे लिए मार्ग प्रशस्त किया. दो बार के टी20 विश्व कप विजेता कप्तान सैमी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि इंडियन प्रीमियर लीग में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए उनके खिलाफ नस्ली टिप्पणी की जाती थी. उन्होंने कहा कि जब वह भारत में थे तो उन्हें ‘कालू’ कहा जाता था. आईपीएल में खेलने वाले गेल ने भी ट्विटर पर सैमी का पक्ष लेते हुए कहा था कि क्रिकेट में नस्लवाद है.

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आपको बता दें कि इससे पहले आईसीसी ने कहा था कि क्रिकेट विविधता के बिना कुछ भी नहीं है. उसने यह बयान अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जार्ज फ्लॉयड की मिनियापॉलिस में मौत के बाद वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बने नस्लवाद के संबंध में दिया है. आईसीसी ने 90 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की जो इंग्लैंड की 2019 विश्व कप में जीत के आखिरी क्षणों से जुड़ी है. इसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर सुपर ओवर कर रहे हैं. आईसीसी ने ट्विटर पर भेजे गये संदेश में कहा, विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है. विविधता के बिना असली तस्वीर आपके सामने नहीं आती. इंग्लैंड की टीम ने जब वनडे विश्व कप जीता तो उसका कप्तान आयरिश (इयोन मोर्गन) था. उसकी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न्यूजीलैंड में जन्में आलराउंडर (बेन स्टोक्स) ने किया. उसके स्पिनर (मोईन अली और आदिल राशिद) पाकिस्तानी मूल के थे और उसका एक सलामी बल्लेबाज (जैसन रॉय) दक्षिण अफ्रीकी मूल का था. वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और दो बार टी20 विश्व कप विजेता कप्तान डेरेन सैमी सहित प्रमुख क्रिकेटरों ने हाल में खेल में नस्लवाद पर बात की है.

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वहीं पूर्व भारतीय ऑलराउंडर क्रिकेटर इरफान पठान ने जोर देकर कहा है कि नस्लवाद सिर्फ त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है. इरफान पठान ने ट्विटर पर कहा, नस्लवाद सिर्फ आपकी त्वचा के रंग तक सीमित नहीं है. अगर आपका विश्वास अलग है और उसकी वजह से सोसाइटी में घर नहीं मिलता, वो भी एक नस्लवाद है.

(एजेंसी इनपुट)