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‘मांकड़िंग’ शब्द का अर्थ नकारात्मक है, गेंदबाजों की गलती नहीं होती : कार्तिक

टीम इंडिया के सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज और इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक को यह बहुत गलत लगता है कि महान आलराउंडर वीनू मांकड़ का नाम आउट करने के लिये नकारात्मक तरीके से उपयोग किया जाता है जबकि यह पूरी तरह से वैध है.

Updated on: 24 Aug 2020, 12:51 PM

अबुधाबी:

टीम इंडिया (Team India) के सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के कप्तान दिनेश कार्तिक को यह बहुत गलत लगता है कि महान आलराउंडर वीनू मांकड़ का नाम आउट करने के लिये नकारात्मक तरीके से उपयोग किया जाता है जबकि यह पूरी तरह से वैध है.  मांकड़ ने 1948 के ऑस्ट्रेलिया दौर में विरोधी टीम के बल्लेबाज बिल ब्राउन को नॉन स्ट्राइकर छोर पर गेंद करने से पहले बाहर निकलने के कारण रन आउट कर दिया था.

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इससे पहले उन्होंने ब्राउन को लगातार चेतावनी दी थी लेकिन वह नहीं माने थे. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया इस पर बिफर पड़ा था और उन्होंने इसे ‘मांकड़िंग’ नाम दे दिया हालांकि सर डोनाल्ड ब्रैडमैन ने इस तरह के आउट करने के तरीके को पूरी तरह से वैध करार दिया था. ‘क्रिकेटनेक्स्ट’ वेबसाइट के अनुसार कार्तिक ने कहा, ‘‘मांकड़ रन आउट को लेकर मेरे दो मसले हैं. पहला इसको लागू करने से संबंधित है और दूसरा इसे मांकड़ रन आउट कहने से.

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’’ उन्होंने कहा, ‘‘डॉन ब्रैडमैन से लेकर सुनील गावस्कर तक सभी कहते रहे हैं कि यह नियमों के अनुकूल है. आईसीसी और एमसीसी  ने भी इसे सही करार दिया है. इसलिए मुझे इसका कोई कारण नजर नहीं आता कि गेंदबाज या ऐसा करने वाली टीम को नकारात्मक तरीके से क्यों देखा जाता है. ’’ कार्तिक ने कहा, ‘‘जिस खिलाड़ी ने सबसे पहली बार ऐसा किया वह वीनू मांकड़ थे और दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने आउट करने से पहले बल्लेबाज को कई बार चेतावनी दी थी. महत्वपूर्ण बात यह है कि रन आउट होने वाले बल्लेबाज को कोई याद नहीं करता. वह बिल ब्राउन थे. ’’ कार्तिक की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने हाल में कहा था कि वह भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से बात करेंगे और उन्हें बल्लेबाज को इस तरह से रन आउट नहीं करने के लिये कहेंगे क्योंकि यह खेल भावना के विपरीत है.

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पिछली बार आईपीएल में अश्विन ने जोस बटलर को इस तरह से आउट किया था. कार्तिक ने कहा कि इस तरह के आउट को ‘मांकड़िंग’ नहीं कहा जाना चाहिए विशेषकर तब जबकि आईसीसी और एमसीसी इसे केवल रन आउट मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगर मांकड़ पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने इस तरह से रन आउट किया तो बिली ब्राउन पहले बल्लेबाज थे जो क्रीज से बाहर निकलने की बेवकूफी के कारण रन आउट हो गये थे. लोग मांकड़ को क्यों याद करते हैं और ब्राउन को क्यों नहीं? ’’ कार्तिक ने कहा, ‘‘बिल ब्राउन को जोड़कर कुछ क्यों नहीं कहा जा सकता है? मांकड़ नियमों के अनुसार रन आउट किया था. आईसीसी और एमसीसी इसे रन आउट कहते हैं. इसलिए मांकड़ नाम का उपयोग नकारात्मक अर्थ में नहीं किया जाना चाहिए.

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’’ कार्तिक ने सुझाव दिया कि टीवी अंपायर को यह पता करने के लिये कहा जाना चाहिए कि क्या बल्लेबाज क्रीज से बहुत आगे निकला हुआ था और अगर ऐसा होता है तो इस तरह के रन को नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर लगातार रन आउट की तरह ऐसा किया जाता है तो फिर बल्लेबाज सतर्क हो जाएंगे और क्रीज से आगे नहीं निकलेंगे. लेकिन ऐसा नहीं किया जाता और इसे नकारात्मक तरीके से देखा जाता है. लोगों की नैतिकता पर संदेह कर दिया जाता है. गेंदबाज, कप्तान और टीमें ऐसा करने से डरती है. ’’ कार्तिक ने कहा, ‘‘अब नोबॉल की जांच करने के लिये टेक्नोलोजी है. इसलिए कैमरे का उपयोग करके यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या नॉन स्ट्राइकर क्रीज से पहले बाहर निकल गया था. जब भी बल्लेबाज क्रीज पर बाहर निकला हो उतने रन को नहीं माना जाना चाहिए