logo-image

नहीं आई नेहरा को सचिन तेंदुलकर की वर्ल्ड कप 2011 की ये पारी

साल 2011 में भारत ने 28 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था. फाइनल में टीम इंडिया ने गौतम गंभीर और एम एस धोनी की दमदार पारी से जीत दर्ज की थी.

Updated on: 11 Aug 2020, 05:50 PM

नई दिल्ली:

भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच क्रिकेट का कोई भी मैच हो वो जबरदस्त होता है लेकिन बात जब विश्व कप के मुकाबले की हो तो वो हाई वोल्टेज बन जाता है. साल 1992 से लेकर 2019 तक भारत ने हर बार पाकिस्तान को 22 गज की पट्टी पर ढेर किया है. साल 2011 में भारत ने 28 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था. फाइनल में टीम इंडिया ने गौतम गंभीर और एम एस धोनी की दमदार पारी से जीत दर्ज की थी. हालांकि सेमी फाइनल में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को ढेर कर फाइनल में जगह पक्की की थी. सेमी फाइनल में सचिन तेंदुलकर ने अहम पारी खेली थी लेकिन अब पूर्व तेज गेंदबाज और विश्व विजेता टीम के हिस्सा रहे आशीष नेहरा ने उस पारी पर बड़ी बात बोली है.

ये भी पढ़ें- भारत में हीरो बने पाक गेंदबाज दानिश कनेरिया, टीम इंडिया के खिलाड़ियों को लेकर देश नाराज

सचिन तेंदुलकर ने साल 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ मोहाली में 85 रनों की पारी खेली थी. हालांकि उस पारी में सचिन को कई जीवन दान मिले थे. क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की 85 रनों की पारी के बदौलात भारतीय टीम ने 260 रन बनाए थे. उस मैच को इंडिया ने 29 रनों से जीत खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी. अब द ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट पर नेहरा ने बोला कि ये कहने वाली बात नहीं है, ये सचिन तेंदुलकर को भी पता था कि वो उस पारी में कितने लकी थे. यह उनकी सबसे बुरी पारी थी।

यह भी पढ़ें ः VIDEO : IPL 2020 के लिए तैयार हुए KXIP के कप्‍तान लोकेश राहुल, देखें वीडियो

बताते चलें कि उस मैच में गेंदबाज आशीष नेहरा ने 33 रन देकर 2 विकेट लिए थे. नेहरा इस दौरान कहा कि टीम ने जैसे शुरुआत की थी उससे लग रहा था कि 350 का स्कोर बन जाएगा. नेहरा ने बताया कि किसी भी टीम साथ खेले और वो भी सेमीफाइनल तो बात सिर्फ इतनी रहती है कि किस तरह आप दबाव को संभालते हैं. सचिन तेंदुलकर और नेहार दोनों की क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं.

ये भी पढ़ें: युवा हैदर अली को पाकिस्तान टीम में शामिल करना चाहते हैं लतीफ

वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच में श्रीलंका के खिलाफ भारत ने मैच खेला था. पहले बल्लेबाजी करते हुए लंका ने महेला जयवर्धने के 103 रनों की मदद से 274 रन बनाए थे. लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत बेकार रही वीरेंद्र सहवाग बिना खाता खोले मैच की दूसरी गेंद पर पवेलियन लौटे जबकि सचिन तेंदुलकर 18 रनों पर आउट हुए थे. जिसके बाद गौतम गंभीर ने विराट कोहली के साथ रनो का मोर्चा संभाला कोहली ने 35 तो गंभीर ने 97 रनों की पारी खेली, इसके अलावा एम एस धोनी ने 91 रनों की मैच विनिंग पारी खेल भारत को 28 साल बात वर्ल्ड चैंपियन बनाया.