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एमएस धोनी को लेकर अश्‍विन ने कही बड़ी बात, बोले- उनके करियर पर...

आर अश्‍विन ने अपना काफी क्रिकेट टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी के साथ खेला है. अब अश्‍विन ने एमएस धोनी के साथ गुजारे अपने समय को याद किया है.

Updated on: 18 Jun 2020, 01:22 PM

New Delhi:

भारत को स्‍पिनर्स की खान कहा जाता है. भारत ने दुनिया के एक से बढ़कर एक स्‍पिनर दिए हैं. कई तो खिलाड़ी ऐसे हुए जो भारत के लिए नहीं बल्‍कि दूसरी टीमों के लिए खेलते हैं. लेकिन कुछ एक स्‍पिनर्स को छोड़ दें तो उनका करियर बहुत लम्‍बा नहीं रहता. ऐसे ही एक स्‍पिनर हैं, रविचंद्रन अश्‍विन (Ravichandran Ashwin), जो इस वक्‍त टेस्‍ट टीम का तो हिस्‍सा हैं, लेकिन वन डे और T20 टीम के साथ वे इस वक्‍त नहीं हैं. आर अश्‍विन (R Ashwin) ने अपना काफी क्रिकेट टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के साथ खेला है. अब अश्‍विन ने एमएस धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के साथ गुजारे अपने समय को याद किया है.

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भारत के शानदार ऑफ स्पिनर में से एक रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी का उनके करियर पर गहरा प्रभाव रहा है और इंडियन प्रीमियर लीग में अपने शुरुआती वर्षों में वह पूर्व कप्तान एमएस धेानी का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे. आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से एक चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के साथ आर अश्विन को 2008 में अनुबंध मिला था. आर अश्विन ने कहा कि सीएसके के साथ बिताए समय ने उनके करियर को दिशा दी. आर अश्विन ने क्रिकबज इन कनवर्सेशन पर हर्षा भोगले से कहा, आईपीएल और सीएसके ऐसा मंच है, जिसे सभी हासिल करना चाहते हैं. मेरे लिए यह पहचान बनाने का जरिया था. एमएस धोनी को नहीं पता था कि अश्विन कौन है. मैथ्यू हेडन और मुथैया मुरलीधरन को नहीं पता था कि अश्विन कौन है. पहली चीज जो मेरे दिमाग में आई वह यह थी कि मैं इन लोगों को दिखाऊंगा कि अश्विन यहां है.

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आर अश्विन ने कहा कि सीएसके की अगुआई करने वाले एमएस धोनी का उनके ऊपर गहरा प्रभाव रहा और उन्हें प्रभावित करने का एकमात्र तरीका उनको नेट पर परेशान करना था. उन्होंने कहा, मैंने मैथ्‍यू हेडन, जेकब ओरम और स्टीफन फ्लेमिंग का ध्यान नेट पर उन्हें गेंदबाजी करते हुए खींचा. पहले साल 2008 में उन्हें मेरा सामना करने में परेशानी हो रही थी लेकिन मैं एमएस धोनी का ध्यान नहीं खींच पाया. अश्विन ने कहा, मेरी उनसे कभी लंबी बात नहीं हुई. इसके लिए मुझे नेट पर एमएस धोनी को आउट करना था. वह मुरलीधरन पर छक्के मार रहा था और मैंने सोचा कि अगर मैं उससे बेहतर गेंदबाजी करूंगा तो मुझे मुरली पर तरजीह मिल सकती है.

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उन्होंने कहा, मैंने चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान उसे आउट करके और फिर छोटे बच्चे की तरह जश्न मनाकर उसका ध्यान खींचा. अश्विन ने कहा कि इसके बाद अब भंग हो चुकी चैंपियन्स लीग में विक्टोरिया बुशरेंजर्स के खिलाफ सीएसके के मैच में उन्होंने सुपर ओवर फेंकने की पेशकश की और धोनी ने बिना हिचकिचाहट के गेंद उन्हें थमा दी. अश्विन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और सुपर ओवर में 23 रन लुटा बैठे. इस आफ स्पिनर ने कहा कि एमएस धोनी मैच के बाद जब उनके पास से गुजरे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, तुम्हें कैरम गेंद फेंकनी चाहिए थी. अश्विन ने बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अच्छी सफलता हासिल की और उनके 365 विकेटों में से 189 विकेट बायें हाथ के बल्लेबाजों के हैं. अश्विन ने सफलता का श्रेय अपनी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि और डंकन फ्लेचर की सलाह को दिया.

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आपको बता दें कि इससे पहले अश्विन ने माइंड मास्टर्स शो में मानसिक अनुकूलन और मानसिक कौशल पर अपने विचार रखे थे. उन्होंने यह भी बताया था कि कैसे एक क्रिकेटर का करियर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरता है. अश्विन ने इसके अलावा अपनी मानसिक ताकत के बारे में भी बात की, जिसने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रखने में मदद की, खासकर उस समय जब उन्हें 2011 विश्व कप या फिर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान बेंच पर बैठना पड़ा था. अश्विन ने साथ ही एक वाकये को याद किया जब भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया था, जिससे उन्हें मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद मिली थी. ऑफ स्पिनर ने कहा था कि सचिन मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा, आप नेट में बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो, आप ऐसे गेंदबाजी कर रहे हो जैसे कि मानो आप मैच में करते हो. फिर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनका काफी आत्मविश्वास बढ़ाया था.

(इनपुट भाषा)