Mirror Bacteria: …तो क्या धरती पर से इसानों का दी एंड (The End) होने वाला है. ये सवाल इसलिए क्योंकि लैब में गलती से ‘कोरोना का बाप’ बना गया है. हालांकि, ये कोरोना की तरह वायरस नहीं बल्कि बैक्टेरिया है, जिसे मिरर बैक्टेरिया नाम दिया गया है. इस बैक्टेरिया को इतना खतरनाक बताया जा रहा है कि उससे फैलने से कोरोना से भी भयंकर महामारी फैलने की आशंका जताई जा रही है. जिससे धरती पर से जीवन का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये मिरर बैक्टेरिया क्या है.
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उड़े हुए हैं वैज्ञानिकों के होश
मिरर बैक्टेरिया को लेकर वैज्ञानिकों के होश उड़े हुए हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट में दो नोबेल पुरस्कार विजेता सहित अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिरर बैक्टेरिया को लेकर चिंता जाहिर की है. पिटर्सबर्ग यूनिवर्सिटी में विकासवादी जीवविज्ञानी प्रोफेसर वॉन कूपर ने मिरर बैक्टेरिया को लेकर बड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘हम जिस खतरे की बात कर रहे हैं, वो भयावह है. मिरर बैक्टेरिया इसानों, जानवरों और पौधों के इम्यून सिस्टम की धज्जियां उड़ा देगा, जो भयंकर संक्रमण फैलने का कारण बनेगा.
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क्या है मिरर बैक्टेरिया?
मिरर बैक्टेरिया के नाम मिरर शब्द इसलिए जुड़ा है, क्योंकि उसकी बनावट बहुत ही यूनिट है. इंसानों के हाथों हाथों की तरह समरूपता दिखता है. इस बैक्टेरिया की दायीं साइड में डीएनए और आरएनए है, जबकि बायीं साइड अमीनो एसिड (प्रोटीन) से बनी हुई है. यही वजह है कि इसे मिरर लाइफ बैक्टेरिया के नाम से भी पुकारा जा रहा है. वैज्ञानिक इसको लेकर खास तौर से चिंतित है, क्योंकि ये इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों और पौधों में भी फैलता है और उसके संक्रमण पर रोक लगा पाना अभी उनके हाथ में नहीं है.
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मिरर बैक्टेरिया कितना खतरनाक?
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वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि मिरर बैक्टेरिया से संक्रमित होने पर शरीर को गंभीर जोखिम पैदा होंगे, जो आखिर में मौत होने का कारण बनेंगे.
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एक रिपोर्ट में पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट वॉन कूपर ने इसे इसानों, जानवरों और पौधों के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया.
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हालांकि, येल यूनिवर्सिटी के एक प्रतिरक्षाविज्ञानी रुस्लान मेदज़ितोव ने कहा, ‘यह कहना मुश्किल है कि ये जोखिम कितने गंभीर हो सकते हैं.’
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