Drone For Organ Transport: मरीजों के लिए राहतभरी खबर आई है. एक बेहद कमाल का ड्रोन आया है, जो मिनटों में उनके लिए दवाएं और ऑर्गन पहुंचाएगा. इस ड्रोन से हेल्थ इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगा. ड्रोन से मेडिसन और ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन की अनूठी पहल को चंडीगढ़ पीजीआई ने शुरू किया है. चंडीगढ़ पीजीआई ने इस ड्रोन को टेलीमेडिकल 2024 समिट में प्रदर्शन किया. टेलीमेडिकल समिट के दौरान इस ड्रोन ने हेल्थ केयर से जुड़े लोगों को काफी आकर्षित किया है.
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हेल्थ इंडस्ट्री के लिए क्रांतिकारी कदम
ड्रोन का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. युद्ध के दौरान हमला और सीमा पर निगरानी करने में ड्रोन यूज होते हैं. एग्रीकल्चर और होटल इंडस्ट्री जैसे तमाम ऐसे सेक्टर हैं, जो ड्रोन के इस्तेमाल से अछूते नहीं है. हेल्थ इंडस्ट्री में अब ड्रोन का इस्तेमाल एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा. इन ड्रोन की मदद से मरीजों को न सिर्फ समय पर दवाएं बल्कि प्रत्यार्पण के लिए बेहद कम समय में ऑर्गंस पहुंच पाएंगे. ऐसा होने से हजारों लोगों की जानें बच पाएंगी.
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क्या हैं इस ड्रोन की खूबियां
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ऑर्गन ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले इस ड्रोन को Vertiplane XE नाम दिया गया है, जिसे टेक ईगल कंपनी ने बनाया है. इस ड्रोन का डिजाइन काफी आकर्षक है.
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इस ड्रोन का वजन 18 किलोग्राम है, जो अपने साथ 5 किलोग्राम तक भार ले जाने में कैपेबल है. सैटेलाइट नेविगेशन के जरिए ये ड्रोन अपनी मंजिल तक पहुंचेगा.
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एक बार चार्ज करने के बाद 100 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. यह 4000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है और कम समय में अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकता है.
कैसे किया जाएगा ऑपरेट
एक रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ पीजीआई अभी इन ड्रोन के जरिए ऑर्गन और दवाइयों को 100 किलोमीटर के दायरे में पहुंचाने की प्लानिंग है. चंडीगढ़ पीजीआई में एक स्पेशल यूनिट बनाई जाएगी, जहां से जीपीएस के जरिए ड्रोन की ट्रैकिंग और संचालन किया जाएगा.
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इन ड्रोन से क्या होगा फायदा
अममून एंबुलेंस से ऑर्गन ट्रांसपोर्ट करने में 4 घंटे तक का समय लग जाता है. साथ ही ट्रैफिक पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाना पड़ता है, फिर भी कभी-कभी मरीज तक ऑर्गन पहुंचने में देरी हो जाती है. लेकिन जब ड्रोन से ऑर्गन ट्रांसपोर्ट किए जाएंगे तो इन तमाम झंझटों से छुटकारा मिल जाएगा और समय से बहुत पहले जरूरतमंद मरीज तक ऑर्गन पहुंच पाएंगे. ऐसा दवा किया जा रहा है कि इस ड्रोन से महज एक घंटे में ही मरीजों को तक ऑर्गन पहंचाए जा सकेंगे.
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