राष्ट्रीय राजधानी का गंगा राम अस्पताल भारत का पहला ऐसा केंद्र बन जहां कोविड वैक्सीन से प्रेरित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) के लिए कांफिर्मेटरी टेस्ट किया है। अस्पताल में हेमटोलॉजी विभाग देश में गोल्ड स्टैंडर्ड प्लेटलेट एग्रीगेशन टेस्ट करने वाला भारत का एकमात्र केंद्र है।
अस्पताल से जारी एक बयान में कहा गया है कि संदिग्ध वीआईटीटी के सीरम के नमूने कूरियर के माध्यम से प्राप्त किए जा रहे हैं और नमूने प्राप्त करने के 48 घंटों के भीतर टेस्ट किए जाते हैं।
एडेनोवायरस वेक्टर कोविड-19 टीकों को लगावाने के बाद रक्त के थक्के और कम प्लेटलेट्स के दुर्लभ मामलों को वीआईटीटी या थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस के रूप में जाना जाता है।
2021 की शुरुआत से डेनमार्क, अमेरिका, जर्मनी और कनाडा से मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने 11 अगस्त को टीटीएस के निदान और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
सर गंगा राम अस्पताल के हेमेटोलॉजी विभाग की चेयरपर्सन डॉ. (प्रो) ज्योति कोतवाल ने कहा, जून 2021 के सूचकांक मामले के बाद से हमने वीआईटीटी के छह और नमूने प्राप्त किए हैं और उनका निदान किया है।
सेना अस्पताल आर एंड आर से संदर्भित वैक्सीन प्रेरित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (वीआईटीटी) के पहले मामले में, जिसका निदान और पुष्टि गंगा राम अस्पताल में हेमेटोलॉजी विभाग द्वारा की गई थी, रोगी जीवित नहीं रह सका।
टीकाकरण के 3 से 30 दिन के बीच लक्षण दिखाई देते हैं तो निदान का संदेह होता है। इसके अलावा यदि डी-डिमर बढ़ा हुआ है और पीएफ हेपरिन एंटीबॉडी (एचपीएफ 4 आईजीजी) मौजूद है, तो एक अनुमानित निदान किया जा सकता है।
अस्पताल ने बयान में कहा, अस्पताल जून 2021 से नैदानिक और पुष्टिकरण परीक्षण कर रहा है और रेफरल केंद्र है, जिसने तब से टीके से प्रेरित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के 7 मामलों की पुष्टि की है।
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Source : IANS