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IITian Baba Abhay Singh Photograph: (News Nation)
IITian Baba Abhay Singh: IITian बाबा के नाम से हर ओर प्रसिद्ध हो चुके अभय सिंह पॉपुलरिटी से दुखी हो चुके हैं. अब वो वापस अपनी पुरानी जिंदगी में लौटना चाहते हैं. महाकुंभ 2025 में प्रसिद्ध हुए IITian बाबा (IITian Baba) एक हालिया इंटरव्यू में अपने दर्द को साझा करते हुए रोते नजर आए. उन्होंने कहा कि उन्हें ये लोकप्रियता और IITian बाबा का टैग बिल्कुल पसंद नहीं है. अभय सिंह ने अपनी पुरानी सादगी भरी जिंदगी में लौटने की इच्छा जताई. उन्होंने इस इंटरव्यू में क्या-क्या कहा आइए जानते हैं.
पॉपुलरिटी से बढ़ा दुख
अभय सिंह (Abhay Singh) ने कहा, "फेमस होने से पहले मैं कुछ भी करता था तो किसी का ध्यान नहीं जाता था. मैं और बाबा जी सड़क किनारे बैठकर साधारण जीवन जीते थे. अब यह सब पॉपुलरिटी मेरे लिए बोझ बन गई है. मैं बस अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखना चाहता हूं. 'IITian बाबा' की कहानी अब खत्म हो जानी चाहिए."
भगवान शिव का मार्गदर्शन
अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बात करते हुए अभय सिंह (IITian Baba) ने कहा कि भगवान शिव उन्हें निर्देश देते रहे और उन्होंने वही किया. उन्होंने भावुक होकर कहा, "मैंने भगवान से कहा कि ये मुझसे नहीं हो पाएगा. लेकिन भगवान कहते रहे कि होगा और अब देखो सब होता चला जा रहा है."
लक्ष्मी और शिव का महत्व
अभय सिंह ने समझाया कि पूर्णता प्राप्त करने के लिए जिम्मेदारियों से मुक्त होना जरूरी है. उन्होंने कहा, "मैं तो शून्य हो गया हूं. मैंने सब कुछ बांट दिया. अपने पास जो भी था वह दूसरों को दे दिया. जब तक आपके पास धन-संपत्ति है तब तक आप पर इसे संभालने की जिम्मेदारी रहेगी. लेकिन जिस दिन आपके पास कुछ नहीं रहेगा उसी दिन आप खुद में पूर्ण हो जाओगे. जिस दिन लक्ष्मी खत्म हो गई उस दिन आप शिव हो जाओगे."
उन्होंने कहा, "मैं जैसा हूं वैसा ही हूं. मेरे पास सबकुछ था, लेकिन मैंने सबकुछ त्याग दिया. घाटों पर रहते हुए मैं कभी 70 हजार, कभी 15 हजार रुपये लोगों में बांट देता था. मैंने जीवन में जो कुछ भी किया वे केवल अपनी अंतरात्मा और भगवान शिव के निर्देशों के अनुसार किया. अब मैं किसी भी चीज़ की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता."
पुरानी जिंदगी में लौटने की इच्छा
अभय सिंह (Abhay Singh)ने कहा कि वह फिर से अपनी पुरानी जिंदगी में लौटना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि बिना किसी का ध्यान खींचे शांति से अपनी साधना करते रहें. पॉपुलरिटी का यह बोझ अब मुझसे संभल नहीं रहा. मुझे बस शांति चाहिए. अब इस महाकुंभ में उन्हें शांति किस तरह से प्राप्त होगी ये सब भोले भंडारी ही जानते हैं.
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