Mahakumbh 2025: देश-विदेश से महाकुंभ 2025 के लिए 40-45 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान लगाया गया था. पिछले 9 दिनों में 9 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु त्रिवेणी के संगम घाट पर आकर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. पृथ्वी के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की तैयारियां रातोंरात नहीं हुई. इसके लिए कई साल पहले ही फैसला ले लिया गया था. महाकुंभ 2025 की तैयारियां 2022 में ही शुरू हो गई थीं. सिर्फ 45 दिनों के लिए कई हजार करोड़ का बजट बनाया गया और फिर कैसे उस पर काम हुए आइए जानते हैं.
ऐसे शुरू हुई थी महाकुंभ 2025 की तैयारियां
महाकुंभ 2025 की तैयारियों का आगाज़ 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक से हुआ. तब से मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के कई दौरे किए जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुद तैयारियों का जायजा लिया और कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया.
महाकुंभ के लिए अस्थायी शहर बसाने का संघर्ष
इस भव्य आयोजन के लिए महाकुंभनगर (mahakumbh nagar) नामक एक अस्थायी शहर बसाया गया जिसमें 50,000 से अधिक लोगों ने दिन-रात काम किया. कठिन परिस्थितियों में पुल निर्माण हुए. जहां पुल नहीं बनाया जा सकता है वहां स्टील के फोर-लेन अस्थायी ब्रिज बनाए गए. इसके साथ ही प्रयागराज की प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया गया.
डबल इंजन की सरकार ने बेहतरीन तालमेल के साथ काम करते हुए महाकुंभ को सफल बनाने के लिए हर छोटी-बड़ी आवश्यकता का ध्यान रखा. रेलवे, सड़कों, और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूती दी गई.
ये आयोजन (world largest religious fair) न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके सफल संचालन के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी बेहद कड़ी तैयारी की गई. महाकुंभ 2025 (maha kumbh 2025) पृथ्वी के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के रूप में अपने आप में एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा जो न केवल धार्मिक आस्था को बल देगा बल्कि प्रशासनिक और सांस्कृतिक सफलता का प्रतीक बनेगा.