Mahakumbh 2025 Unique Baba: महाकुंभ मेला 2025 में आस्था के साथ अनोखे और रंग-बिरंगे व्यक्तित्वों का भी संगम देखने को मिल रहा है. इनमें सबसे अधिक चर्चा हो रही है सात फीट लंबे मस्कुलर शरीर वाले रूस के गिरि महाराज की. उनकी अलग छवि और अद्भुत व्यक्तित्व ने मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के बीच खासा आकर्षण पैदा कर दिया है. रूस में जन्मे गिरि महाराज ने भारतीय सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर लगभग 30 साल पहले ही अपना जीवन अध्यात्म और साधना को समर्पित कर दिया. बेहद मस्कुलर और सात फीट लंबी कद-काठी वाले यह विदेशी बाबा जहां भी जाते हैं श्रद्धालु उनकी ओर खिंचे चले आते हैं.
महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने मस्कुलर बाबा
गिरि महाराज का आकर्षक व्यक्तित्व, सफेद वस्त्र, और गेरुआ ध्वज के साथ उनका साधना भरा जीवन लोगों को बेहद प्रभावित कर रहा है. महाकुंभ (mahakumbh 2025) में आए श्रद्धालु उनके पास आशीर्वाद लेने और उनके अनुभवों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. गिरि महाराज केवल आध्यात्मिकता के प्रचार तक सीमित नहीं हैं बल्कि अपने अनुयायियों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं. योग, प्राणायाम और अनुशासित जीवनशैली के जरिए वे आंतरिक और बाहरी शक्ति को संतुलित करने का संदेश देते हैं.
गिरि महाराज का कहना है कि भारत की सनातन संस्कृति (sanatan dharm) ने उन्हें जीवन का वास्तविक अर्थ सिखाया. वे महाकुंभ में अपने अनुभव साझा करते हुए भारतीय परंपराओं और वेदांत के गहन महत्व पर प्रकाश डालते हैं. उनका मानना है कि आध्यात्मिक यात्रा विश्वभर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है. उनकी कद-काठी और व्यक्तित्व के कारण उन्हें मस्कुलर बाबा (Muscular Baba) के नाम से पहचाना जा रहा है. मेला क्षेत्र में वे जहां भी जाते हैं लोग उनके साथ सेल्फी लेने और उनसे बातचीत करने के लिए उत्साहित रहते हैं. महाकुंभ में गिरि महाराज जैसे विदेशी साधुओं की मौजूदगी ये साबित करती है कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है. उनका जीवन और संदेश उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन के गहरे अर्थ की तलाश में हैं.