Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि साधना, अध्यात्म और अनुशासन का संगम भी है. प्रयागराज के सेक्टर 18 स्थित प्रभु प्रेमी संघ शिविर में एक विशेष पाठशाला चल रही है, जहां 250 आईपीएस अधिकारी अखाड़ों के संतों से प्रबंधन और अनुशासन के मंत्र सीख रहे हैं. ये अद्वितीय शिविर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया है. इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे RR-77 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हैं. इन अधिकारियों को कुंभ मेले की विशालता, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा उपायों और धार्मिक आयोजनों के सुचारू संचालन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सिखाई जा रही हैं.
महाकुंभ से मैनेजमेंट के गुर (Management tips from Maha Kumbh)
राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के एडीजी ट्रेनिंग बी.डी. पॉलसन के नेतृत्व में यह दल प्रयागराज पहुंचा है. महाकुंभ (mahakumbh 2025) जैसे विराट आयोजन से सीखने के लिए ये सुनहरा अवसर है. प्रशिक्षु अधिकारी यहां संतों और अखाड़ों के अनुशासन, संगठन शक्ति और भीड़ नियंत्रण के अनूठे तरीके समझ रहे हैं. लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में संतों द्वारा अनुशासित ढंग से व्यवस्था बनाए रखने की कला, अखाड़ों के महंतों और संतों की प्रभावशाली नेतृत्व शैली से प्रशासनिक अधिकारियों को प्रेरणा मिल रही है.
महाकुंभ (maha kumbh) केवल एक धार्मिक मेला नहीं, बल्कि संगठन, अनुशासन और प्रशासन का सर्वोत्तम उदाहरण भी है. अखाड़ों के संतों की संयमित दिनचर्या, अनुशासन और संगठित कार्यशैली से प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी प्रेरणा ले रहे हैं. यह पहल दर्शाती है कि प्रबंधन और अनुशासन केवल आधुनिक शिक्षा से ही नहीं, बल्कि प्राचीन भारतीय परंपराओं और संतों के अनुभवों से भी सीखा जा सकता है. महाकुंभ में 250 प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों का यह अनुभव उनके भविष्य के पुलिस प्रशासनिक कार्यों में मददगार साबित होगा.
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