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Mahakumbh 2025 Cylinder Blast Photograph: (News Nation)
Mahakumbh 2025 Cylinder Blast: महाकुंभ के दौरान जिस तरह से ये भीषण अग्निकांड हुआ है उससे कई लोग अब तक सहमे हुए हैं. कई सिलेंडरों के इस हादसे में परखच्चे उड़ते दिए. कहीं चूल्हे तो कहीं टूटे बर्तन यहां नजर आ रहे हैं. योगी सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दे दिए हैं. लेकिन ये अग्निकांड आखिरकार हुआ कैसे, अब तक इस हादसे में कितना नुकसान हो चुका है ये सब 20 प्वाइंट में सिलसिलेवार समझने की कोशिश करते हैं.
महाकुंभ अग्निकांड का पूरा सच
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- घटना की शुरुआत में रविवार दोपहर 4 बजे श्रीकरपात्र धाम वाराणसी के एक कॉटेज से धुआं उठता देखा गया.
- शिविर की स्थिति की बात करें तो घटना प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 19 में पीपा पुल नंबर 12 के पास स्थित श्रीकरपात्र धाम और गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में हुई.
- आग का तेजी से फैलना रुका ही नहीं, धुआं उठते ही कुछ ही मिनटों में आग ने 280 कॉटेजों को अपनी चपेट में ले लिया.
- 30 फीट ऊंची लपटें दिखने लगी. आग इतनी भीषण थी कि 30 फीट ऊंची लपटें उठ रही थीं, जो कई किलोमीटर दूर से देखी जा सकती थीं.
- शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि 13 सिलिंडर फटे हैं. शिविर में रखे 50 में से 13 एलपीजी सिलिंडर फटने से ये धमाका हुआ जिससे आग और विकराल हो गई.
- 5000 स्क्वॉयर फीट का पूरा शिविर आग की चपेट में आकर जल गया, जिससे भीषण नुकसान हुआ है.
- भारी आर्थिक नुकसान भी महाकुंभ के दौरान दर्ज किया गया है. घटना में लगभग 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
- हरियाणा, सिलीगुड़ी और प्रतापगढ़ के तीन श्रद्धालु झुलसे, जबकि भगदड़ में दो लोग घायल हो गए.
- दमकल का संघर्ष बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. 35 दमकल गाड़ियों और फायर ब्रिगेड ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
- महाकुंभ में हुए इस अग्निकांड में गीता प्रेस के एक करोड़ रुपये से अधिक के धर्मग्रंथ सुरक्षित रहे.
- मोबाइल और नकदी नष्ट होने की भी खबर है. शिविर में मौजूद मोबाइल और 5 लाख रुपये की नकदी जलकर राख हो गई.
- ऐसी तथ्य भी सामने आाया है कि तेज हवा ने आग बढ़ाई. तेज हवा के चलते आग तेजी से फैल गई, जिससे राहत कार्य भी प्रभावित हुआ.
- गनीमत रही कि शिविर के रसोईघर तक आग नहीं पहुंच सकी, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई.
- धमाकों की गूंज की बात करें तो सिलिंडर के फटने से धमाकों की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी.
- इस भयानक अग्निकांड के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ तीन मंत्रियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.
- प्रशासनिक रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रशासन ने 40 झोपड़ियां और 6 टेंट जलने की बात कही, जो वास्तविक संख्या से काफी कम है.
- पुलिस और एनडीआरएफ ने मिलकर बचाव कार्य किया और घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला.
- अग्निकांड के समय साधु-संत भी मदद के लिए आगे आए. महाकुंभ के साधु-संतों ने गीता प्रेस को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
- हजारों श्रद्धालु आग की इस घटना को देखकर सहमे हुए थे और प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे.
- आग लगने का कारण के बारे में शिविर के ट्रस्टी का कहना है कि आग की शुरुआत संभवतः दूसरी ओर से हुई जिसे रोकने में प्रशासन विफल रहा. इस भयावह घटना ने महाकुंभ मेले की सुरक्षा और अग्नि प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
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