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Vastu Tips For Drawing Room: ड्राइंग रूम बनवाते समय नहीं रखा इन बातों का ध्यान, भुगतना पड़ता है आर्थिक नुकसान

ड्राइंग रूम (drawing room) वास्तु सम्मत होने से घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं. उस घर में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि बनी रहती है. वास्तु अनुसार ड्राइंग रूम (vastu tips for drawing room) में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

Updated on: 20 Jun 2022, 02:48 PM

नई दिल्ली:

हमारे जीवन में वास्तु का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. जब बात घर की होती है. तो, वहां का वास्तु शास्त्र (vastu shastra) अपने में बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. जब भी घर का निर्माण कराया जाता है, तो उसमें वास्तु का सम्मत रखने का प्रयास किया जाता है. वास्तु सम्मत घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं. उस घर में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि भी होती है. घर आने वाले मेहमानों के लिए बड़े मकानों में ड्राइंग रूम (Drawing Room Vastu Tips) की व्यवस्था होती है. ड्राइंग रूम भी घर का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. इसे भी वास्तुशास्त्र के मुताबिक रखना चाहिए.

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माना जाता है कि ड्राइंग रूम (Guest Room Vastu Tips) वास्तु सम्मत होने से घर में रहने वाले लोग स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं. उस घर में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि बनी रहती है. वास्तु अनुसार ड्राइंग रूम में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इससे आपकी धन सबंधी परेशानियां दूर हो सकती हैं. तो, चलिए आपको बताते हैं कि ड्रॉइंग रूम (drawing room vastu) बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. 

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ड्राइंग रूम वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए. कुछ नया करने के उद्देश्य से ड्राइंग रूम का आकार अजीबोगरीब नहीं रखना चाहिए. इससे वास्तु दोष पैदा होता है. 

वास्तु के अनुसार ड्राइंग रूम का निर्माण ईशान कोण से पूर्व की ओर और उत्तर से वायव्य कोण की ओर होना चाहिए.

ड्राइंग रूम का निर्माण कुछ इस प्रकार से कराना चाहिए कि इसकी छत और फर्श दोनों अन्य कमरों की तुलना में नीचे हो.

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ड्राइंग रूम में रखा सोफा, कुर्सी, दीवान आदि की व्यवस्था दक्षिण और पश्चिम दिशा में करना चाहिए.

ड्राइंग रूम में घर के मुखिया के बैठने का स्थान ऐसी जगह पर होनी चाहिए जिससे उसके बैठने का स्थान उत्तर या पूर्व दिशा में हो.

ड्राइंग रूम में लगी खिड़कियाँ पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए. ऐसा होने से घर में पर्याप्त प्रकाश और हवा का आगमन बना रहता है. 

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ड्राइंग रूम हवादार होना चाहिए. इसमें लगाई जाने वाली खिड़िकियां और झरोखे उत्तर या फिर पूर्व दिशा में होनी चाहिए. ऐसा होने से पर्याप्त प्रकाश और हवा इसके अंदर आएगी.  

ड्राइंग रूम नैऋत्य कोण यानी दक्षिण और ​पश्चिम के कोण की दिशा में नहीं रखना चाहिए. ये हानिकारक होता है. 

ड्राइंग रूम में मेहमानों को बैठने के लिए सोफा, कुर्सी, दीवान आदि की व्यवस्था दक्षिण और पश्चिम दिशा में करना चाहिए.

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ड्राइंग रूम में घर के मुखिया के बैठने का स्थान उस जगह पर रखना चाहिए, जहां पर बैठने से उसका मुख उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर रहे. 

ड्राइंग रूम की दीवारों का रंग हल्का, शांत व सौम्य होना चाहिए. वास्तु के अनुसार हल्के नीले, हल्के हरे और आसमानी रंग का चुनाव करना चाहिए. ध्यान रखें कि गर कमरे की छत में सफेद रंग ही कराएं. रूम में खिड़की और दरवाजे के पर्दे दीवारों के रंग से मिलते-जुलते रंगों में ही प्रयोग करें. 

बात अगर ड्राइंग रूम के फर्नीचर कि की जाए तो, ड्राइंग रूम के फर्नीचर का चुनाव करते हुए उसके आकार का ध्यान जरूर रखें. ऐसा ना हो कि पूरा रूम सिर्फ सोफे और टेबल से ही घिर जाए. ड्राइंग रूम में दक्षिण दिशा की तरफ भारी फर्नीचर रखना चाहिए. उसके अलावा पश्चिम दिशा में भी फर्नीचर रखा (drawing Room Vastu Tips) जा सकता है.