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Significance of Colors During Worship: पूजा-पाठ के दौरान इन रंगों का करें इस्तेमाल, घर में बनी रहेगी बरकत और होगा आर्थिक लाभ

पूजा-पाठ करते समय कुछ ही रंगों का प्रयोग किया जाता है. जिनका उपयोग शुभ माना जाता है. तो, चलिए देख लें कि पूजा में किन रंगों का इस्तेमाल करना वास्तु के अनुसार सही (Vastu Shastra four colors in puja path) होता है.

Updated on: 19 Jun 2022, 07:47 AM

नई दिल्ली:

सनातन धर्म में रंगों का बहुत महत्व होता है. घर में हर स्थान के लिए रंगों का बहुत महत्व (Puja colors significance) होता है. कुछ स्थान रंगों को सही तरह से चुनने से ही खिल उठते हैं. तो, वहीं किसी स्थान पर गलत रंग को चुनने से इंसान परेशानी में आ जाता है. बात अगर पूजा घर की करें तो, इस स्थान पर कुछ विशेष रंगों की जरूरत होती है. हर व्यक्ति हर वस्तु यहां तक की हर शब्द और भावनाओं का भी रंग (Importance Of Colors) होता है, रंगो से ही हमारा मिलन होता है.

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रंग के आधार पर ही सारे गृह नक्षत्र और ज्योतिष (Importance Of Colors In Worship) काम करते हैं. पूजा-पाठ करते समय कुछ ही रंगों का प्रयोग किया जाता है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि पूजा में किन रंगों का इस्तेमाल करना वास्तु के अनुसार सही (Vastu Shastra four colors in puja path) होता है.  

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पीला रंग -

हिंदू धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व होता है. ये रंग भगवान विष्णु का प्रतीक है और बृहस्पति देव का प्रिय भी है. ये रंग सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का संकेत देता है. जो कि अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस रंग का कपड़ा पहनने से गुरु ग्रह का भाव बढ़ जाता है. इसी वजह से पूजा पाठ के साथ किसी भी मांगलिक कार्य के लिए भी पीले रंग का अधिक प्रयोग किया जाता है. पूजा पाठ के दौरान यदि पीले रंग का प्रयोग किया जाए तो बृहस्पति की कृपा होती है. ऐसे में घर या मंदिर में पूजा पाठ के दौरान अक्सर पीले चंदन और हल्दी का इस्तेमाल (yellow color) किया जाता है. 

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सफेद रंग -

प्राचीनकाल में यज्ञ या महत्वपूर्ण पूजा के दौरान सफेद रंग का बहुत महत्व था. लेकिन, अब धीरे धीरे इसका महत्व कम हो गया है. सफेद रंग माता सरस्वती का है. इससे राहु शांत रहते हैं. सफेद रंग से शुद्धता और पवित्रता का आभास भी होता है. प्राचीन काल में भारतीय दुल्हनें सफेद रंग का ही उपयोग करती थी. जिसमें पितांबरी पट्टा होता था. सफेद रंग से मन में शांति और सुख का आभास होता है. लेकिन, जब से यह रंग विधावा महिला और कफन में उपयोग होने लगा तब से इसका पूजा में महत्व कम हो गया. हालांकि, आज भी सफेद रंग का सूती कपड़ा पाट पर बिछाने के लिए पूजा में उपयोग करते हैं. इस रंग का इस्तेमाल करने से घर में सकारात्मकता (white color) आती है.

हरा रंग -

हरा रंग भगवान शिव और मां पार्वती को बहुत प्रिय होता है. इसके साथ ही ये रंग मां दुर्गा, माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश को भी बहुत प्रिय होता है. पूजा पाठ या कथा के दौरान इस रंग का काफी प्रयोग किया जाता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भी ये रंग शुभ माना जाता है. मां दुर्गा को भी हरे रंग की चूड़ियां व मेहंदी अर्पित की जाती है. जिसमें हरे रंग का कपड़ा, हरे केले के पत्ते, पान का पत्ता शामिल है. हरा रंग जीवन के साथ ही प्रकृति और सद्भाव का प्रतीक भी माना जाता है. ये रंग ऊर्जा प्रदान करता है और घर में सकारात्मकता (green color) ऊर्जा लाता है.  

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लाल रंग -

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार लाल रंग को बहुत ही शुभ बताया गया है. ये रंग सौभाग्य, साहस, उमंग आदि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. इस रंग का इस्तेमाल करने से घर में बरकत बनी रहती है और आर्थिक लाभ भी होते हैं. परंतु यह बात हमेशा याद रखें कि लाल रंग का उपयोग बहुत सोचने समझने के बाद ही करें क्योंकि यह रंग उत्साह को उग्रता में बदलने की शक्ति (red color) रखता है.