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Garuda Ghanti Benefits and Significance: गरुड़ घंटी बजाने से होते हैं बेहद लाभ, कई जन्मों के पापों का होता है विनाश

घर के पूजा स्थल पर गरुड़ घंटी (garuda ghanti) को रखा जाता है. पूजा के दौरान घंटी (Gaurda Ghanti Benefits) बजाने से नकारात्मक शक्तियां और तमाम तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं. इसके साथ ही सुख-समृद्धि (Gaurda Ghanti significance) भी बढ़ती है.

Updated on: 18 Jun 2022, 10:10 AM

नई दिल्ली:

आपने मंदिर के द्वार और विशेष स्थानों पर घंटी (ghanti) लगाने का प्रचलन पुराने समय से ही चला आ रहा है. वहीं घर के पूजा स्थल पर गरुड़ घंटी (garuda ghanti) को रखा जाता है. धार्मिक शास्त्रों की मानें तो सृष्टि की रचना में ध्वनि या नाद का विशेष योगदान रहा है. माना जाता है जब सृष्टि की रचना हुई थी तो, उस समय जो नाद उत्पन्न हुआ था. वही नाद इस गरुड़ घंटी से निकलता है. हिंदू धर्म के सिद्धांतों के अनुसार ध्वनि से प्रकाश की उत्पत्ति और बिंदु रूप प्रकाश से ध्वनि की उत्पत्ति होती है. 

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जिसकी वजह से घंटी रूप में ध्वनि को मंदिर या पूजा घर (puja mein garuda ghanti) में रखा जाता है. कहा जाता है कि पूजा के दौरान घंटी बजाने से नकारात्मक शक्तियां और तमाम तरह के वास्तु दोष दूर होते हैं. इसके साथ ही सुख-समृद्धि भी बढ़ती है. तो, चलिए आपको बताते हैं कि गरुड़ घंटी का महत्व और इसे बजाने (Benefits of Garuda Ghanti) के फायदे क्या है. 

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गरुड़ घंटी का महत्व 
वैसे तो बाजार में कई प्रकार की घंटी मिलती हैं. लेकिन, भगवान विष्णु की नित्यप्रति पूजा में हमें गरुड़ चिन्ह वाली घंटी ही बजानी चाहिए. कहा जाता है कि जो गरुड़ चिन्ह से युक्त घंटी हाथ में लेकर भगवान विष्णु पूजा और आरती करते हैं. वे लोग चंद्रायण व्रत करने का फल प्राप्त करते हैं और उस मनुष्य के कई जन्मों के पापों का विनाश (Importance of Garuda Ghanti) हो जाता है. 

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कितने तरह ही होती हैं घंटियां 
वैसे घंटे हो या घंटियां 4 प्रकार की होती हैं. जिसमें पहली गरुड़ घंटी, दूसरी द्वार घंटी, तीसरी हाथ घंटी और चौथी घंटा होता है. अगर गरूड़ घंटी की बात करें तो ये बिल्कुल छोटी-सी होती है. जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है. वहीं द्वार घंटी वो होती है जो द्वार पर लटकी होती है. ये बड़ी और छोटी दोनों ही आकार की होती है. बात अगर हाथ घंटी कि की जाए तो, ये पीतल की ठोस एक गोल प्लेट की तरह होती है. जिसको लकड़ी के एक गद्दे से ठोककर बजाया जाता है. अंत में घंटा बहुत बड़ा होता है. ये कम से कम 5 फुट लंबा और चौड़ा होता है. इसको बजाने के बाद आवाज़ कई किलोमीटर (types of ghanti) तक चली जाती है. 

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गरुड़ घंटी बजाने के फायदे

भगवान की पूजा करने के बाद हर दिन आरती के समय पर ही घंटी बजाएं. इससे किस्मत के बंद दरवाज़े हमेशा के लिए खुल जाएंगे.

घर पर गरुड़ घंटी हर दिन बजाने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच आपस में तालमेल बना रहता है और सभी सदस्यों में आपसी प्यार बढ़ता है.

ऐसा माना जाता है कि गरुड़ घंटी बजाने से लोगों की पूजा बहुत अधिक फलदाई और सफल हो जाती है. गरुड़ घंटी की ध्वनि से मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव भी काफी कम हो जाता है. 

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रोजाना नहाने के बाद सुबह के समय गरुड़ घंटी बजाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न रहतीं हैं. साथ ही अपनी कृपा उस घर पर हमेशा बनाए रखतीं हैं. इससे घर में कभी भी पैसों की किल्लत नहीं आती और आय के साधन निरंतर रूप से बढ़ने लगते हैं.

कई बार लाख कोशिशों के बावजूद भी काम नहीं बनता तो इसके लिए शनिवार या मंगलवार के दिन पीतल की घंटी किसी मंदिर में दान कर दीजिए. ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी और रूके हुए काम भी (Garuda Ghanti significance) बनने लगेंगे.