logo-image

Father's Day 2022 Mythology Story: राजा शांतनु ने दिया था 'भीष्म' को इच्छा मृत्यु का वरदान, जानें इससे जुड़ी विशेष कथा

इस साल भारत में 19 जून 2022 को फादर्स डे (Father's day 2022) मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में पिता का महत्व कई युगों पहले ही बता दिया गया था. हिंदू धर्मग्रंथों (father's day 2022 mythology story) में पिता-पुत्र के संबंध के कई किस्से हैं.

Updated on: 18 Jun 2022, 01:35 PM

नई दिल्ली:

इस साल भारत में 19 जून 2022 को फादर्स डे (Father's day 2022) मनाया जाएगा. ये दिन पिता के प्यार और त्याग को समर्पित होता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत यूरोपियन देश में लगभग 109 साल पहले हुई थी. लेकिन, हिंदू धर्म में पिता का महत्व कई युगों पहले ही बता दिया गया था. हिंदू धर्मग्रंथों में पिता-पुत्र के संबंध के कई किस्से हैं. ऐसी ही कुछ पिता से जुड़ी कहानी (father's day 2022 special story) हम आज आपको बताने जा रहे हैं. जिसने अपने पुत्र को इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था.

यह भी पढ़े : Garuda Ghanti Benefits and Significance: गरुड़ घंटी बजाने से होते हैं बेहद लाभ, कई जन्मों के पापों का होता है विनाश

सत्यवती पर मोहित हो गए थे राजा शांतनु
महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह को महाकाव्य का प्रमुख स्तंभ बताया गया है. भीष्म के पिता राजा शांतनु थे. एक बार जंगल में शिकार करने निकले शांतनु दूर तक चले गए. वापस लौटने में अंधेरा हो गया. शांतनु को वहां एक आश्रम मिला. जहां उनकी मुलाकात सत्यवती से हुई और दोनों मन ही मन में एक दूसरे (king shantanu) को चाहने लगे. 

यह भी पढ़े : Lord Jagannath Quarantine: भगवान जगन्नाथ 14 दिन के लिए हुए क्वारंटाइन, बीमारी में अलग रहने का देते हैं संदेश

सत्यवती के पिता ने रखी ये शर्त
अगले दिन राजा शांतनु निषाद कन्या सत्यवती के पिता के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे. सत्यवती के पिता ने राजा शांतनु से वचन मांगा कि उसकी पुत्री से उत्पन्न संतान ही राजा बनेगी, तब उन्होंने सत्यवती के पिता की शर्त को अस्वीकार कर दिया.जब ये बात भीष्म को पता चली तो वे सत्यवती के पिता के पास (father's day 2022 historical story) पहुंच गए. 

यह भी पढ़े : Astrological Remedies For Baby: संतान सुख से वंचित लोग जब करेंगे ये उपाय लाभकारी, घर में गूंजने लगेगी किलकारी

भीष्म ने ली पिता का विवाह कराने की प्रतिज्ञा
भीष्म ने सत्यवती के पिता को वचन दिया कि वे आजीवन ब्रह्मचारी रहेंगे और सत्यवती की संतान की राजा बनेगी और आग्रह किया कि पिता शांतनु और कन्या सत्यवती के विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लीजिए. सत्यवती के पिता राजी हो गए और इस तरह उन्होंने भीष्म ने अपने पिता की इच्छा पूरी की. लिहाजा प्रसन्न होकर राजा शांतनु ने भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान (father's day 2022 mythology story) दिया था.