MahaKumbh 2025 Resolution: 4000 हेक्टेयर में फैले विशाल मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत आधुनिक शौचालयों का निर्माण, ठोस और तरल कचरे के साइंटिफिक डिस्पोजल के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग और हजारों स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा. 1,60,000 शौचालय, हजारों डस्टबिन, 40 कॉम्पैक्टर और 150 टिपर गाड़ियों के साथ-साथ महाकुंभ मेला 2025 ऐप और क्यूआर कोड आधारित प्रणाली के माध्यम से मेला क्षेत्र एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार का यह कदम जनहित में एक महत्वपूर्ण पहल है.
स्वच्छता से धरती पर स्वर्ग उतारने की पहल (MahaKumbh 2025 Resolution for cleanliness)
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की अनूठी पहल की जा रही है. 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूरे मेला क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है. महाकुंभ 2025 के लिए 4000 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा. जिसके लिए 1,60,000 शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इसके अलावा पूरे क्षेत्र में हजारों डस्टबिन, 40 कॉम्पेक्टर्स और 150 टिपर गाड़ियों की व्यवस्था की गई है जो कचरे और गंदगी को तुरंत हटाने का काम करेंगी.
स्वच्छता के मिशन को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने हजारों स्वच्छाग्रही स्वयंसेवकों को इस अभियान से जोड़ा है. ये स्वयंसेवक मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को जागरूक भी करेंगे. इसके अलावा ठोस एवं तरल कचरे के कुशल प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक और व्यवस्थित शैली को अपनाया जा रहा है.
स्वच्छता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए महाकुंभ मेला 2025 ऐप और क्यूआर कोड आधारित सिस्टम तैयार किया गया है. श्रद्धालु किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था की जानकारी तुरंत साझा कर सकते हैं, जिससे साफ-सफाई की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जा सके.
महाकुंभ मेला क्षेत्र और गंगा-यमुना नदियों की स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जो नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम करेंगी. राज्य सरकार का यह प्रयास जनहितकारी रुख को दर्शाता है और स्वच्छता के माध्यम से श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करने की दिशा में सार्थक पहल करता है.
महाकुंभ 2025 की प्रमुख तिथियां
- मकर संक्रांति स्नान- 14 जनवरी 2025
- पौष पूर्णिमा स्नान- 29 जनवरी 2025
- मौनी अमावस्या (मुख्य स्नान)- 12 फरवरी 2025
- बसंत पंचमी स्नान- 26 फरवरी 2025
- माघी पूर्णिमा स्नान- 14 मार्च 2025
- महाशिवरात्रि स्नान- 26 मार्च 2025
इस साल 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के कुंभ मेले में आने का अनुमान लगाया जा रहा है. प्रयागराज में महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां जबरदस्त हैं. हर जगह सुरक्षा से लेकर साफ सफाई के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. देसी हो या विदेशी, यहां आने वाले सभी पर्यटकों के लिए ये अनुभव जीवनभर को होगा. विश्व का सबसे बड़ा समारोह शुरु होने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)