Mahakumbh 2025: न दूषण, न प्रदूषण महाकुंभ 2025 में फटाफट मिलेगा हर समस्या का समाधान

Mahakumbh 2025: इस बार महाकुंभ को लेकर बेहद खास तैयारियां की जा रही हैं. इस अंर्तराष्ट्रीय मेले में देश विदेश से 40 से 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. विश्व स्तर पर भारत का नाम महाकुंभ के साथ कैसे प्रसिद्ध होगा ये इन तैयारियों पर भी निर्भर करेगा.

Mahakumbh 2025: इस बार महाकुंभ को लेकर बेहद खास तैयारियां की जा रही हैं. इस अंर्तराष्ट्रीय मेले में देश विदेश से 40 से 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. विश्व स्तर पर भारत का नाम महाकुंभ के साथ कैसे प्रसिद्ध होगा ये इन तैयारियों पर भी निर्भर करेगा.

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Inna Khosla
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No pollution no contamination

No pollution no contamination

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में पहली बार ई-रिक्शा, पिंक व्हीकल और ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया जा रहा है. महाकुंभ 2025 में प्रशासन का लक्ष्य है 'न दूषण, न प्रदूषण' (No pollution no contamination) आधुनिक तकनीकों और ग्रीन एनर्जी के सहारे श्रद्धालुओं को एक स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक कुंभ प्रदान करने का संकल्प लिया गया है. प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 के आयोजन में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. प्रशासन ने कुंभ मेला क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित कर दिया है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई-रिक्शा, ई-ऑटो और पिंक व्हीकल को पहली बार कुंभ मेले का हिस्सा बनाया गया है.

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यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं

श्रद्धालुओं को ज्यादा पैदल न चलना पड़े, इसके लिए शटल सर्विस का संचालन किया जा रहा है. पूरे मेला क्षेत्र में हजारों डस्टबिन और 150 टिपर वाहन तैनात किए गए हैं. मोबाइल ऐप के माध्यम से गंदगी की सूचना देकर तुरंत सफाई कराई जा सकती है. प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh 2025) के लिए पूरे शहर को 3 नोड और 8 जोन में बांटकर सफाई अभियान को मजबूती दी जा रही है. 12-12 की दो टीमें और 6 इन्फोर्समेंट व्हीकल स्वच्छता सुनिश्चित कर रहे हैं. राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है. प्लास्टिक की जगह कुल्हड़, दोने, पत्तल और कपड़े/जूट के बैग के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है. 

नदियों की स्वच्छता पर विशेष जोर

प्रशासन ने गंगा और यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई है.  श्रद्धालुओं और दुकानदारों पर नजर रखने के लिए निगरानी टीम सक्रिय है. राज्य सरकार ने महाकुंभ के दौरान स्वच्छता और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी परियोजनाओं को भी शुरू किया है. महाकुंभ (Mahakumbh 2025) मेला इस बार न केवल आध्यात्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के मामले में एक नई मिसाल भी कायम करेगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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